8th Pay Commission : क्या सच में मंजूर हो गया? जानें आपकी सैलरी पर इसका क्या होगा असर

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News India Live, Digital Desk : 8th Pay Commission : देश के 52 लाख से ज़्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 68 लाख पेंशनभोगियों के लिए इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है - 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) कब आएगा? सोशल मीडिया से लेकर दफ्तरों की कैंटीन तक, इस बात की चर्चा गरम है कि क्या सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है और इससे कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बड़ी बढ़ोतरी होगी.

तो चलिए, आज इस पर से पर्दा उठाते हैं और जानते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है, कर्मचारियों की मांगें क्या हैं और सरकार का इस पर क्या रुख है.

सबसे पहले, क्या 8वां वेतन आयोग मंजूर हो गया है?

इसका सीधा और साफ़ जवाब है - अभी नहीं. केंद्र सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की है. हालांकि, यह बात सच है कि कर्मचारी संगठन लगातार सरकार पर इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं.

तो फिर यह चर्चा हो क्यों रही है?

दरअसल, भारत में हर 10 साल में एक नए वेतन आयोग का गठन करने की परंपरा रही है, जो कर्मचारियों की बदलती ज़रूरतों और महंगाई को देखते हुए उनकी सैलरी और भत्तों की समीक्षा करता है. पिछला, यानी 7वां वेतन आयोग 2014 में बना था और उसकी सिफारिशें 2016 से लागू हुई थीं. इसी 10 साल के चक्र के हिसाब से, अब 8वें वेतन आयोग के गठन का समय नज़दीक आ रहा है, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की उम्मीद है.

कर्मचारियों की मांगें क्या हैं? (कितनी बढ़ सकती है सैलरी?)

कर्मचारी संगठनों ने सरकार को अपना एक मेमोरेंडम (ज्ञापन) सौंपा है, जिसमें उन्होंने कुछ बड़ी मांगें रखी हैं:

  1. न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी: संगठनों की मांग है कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) को ₹18,000 से बढ़ाकर ₹26,000 किया जाए.
  2. फिटमेंट फैक्टर में बड़ा उछाल: सबसे बड़ी मांग फिटमेंट फैक्टर को लेकर है. अभी यह 2.57 गुना है, जिसे बढ़ाकर 3.68 गुना करने की मांग की जा रही है.

फिटमेंट फैक्टर का क्या मतलब है?
यह एक ऐसा नंबर है, जिससे आपकी बेसिक सैलरी (मूल वेतन) को गुणा करके कुल सैलरी निकाली जाती है. अगर सरकार इस मांग को मान लेती है, तो कर्मचारियों की सैलरी में एक बहुत बड़ा उछाल देखने को मिलेगा.

सरकार का क्या है रुख?

हालांकि, कर्मचारी पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन सरकार ने पहले संसद में यह साफ किया था कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. सरकार का मानना है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें अभी भी पर्याप्त हैं और महंगाई भत्ते (DA) के जरिए कर्मचारियों को महंगाई से राहत दी जा रही है.

तो आगे क्या उम्मीद करें?

जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार इस पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है. परंपरा के अनुसार, वेतन आयोग का गठन चुनाव के बाद ही होता आया है. इसलिए, यह पूरी तरह से एक 'इंतज़ार का खेल' है.

कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और जल्द ही 8वें वेतन आयोग का तोहफा देकर उनकी आर्थिक स्थिति को और मज़बूत करेगी. फिलहाल, सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं.

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