यूपीएससी के परिणामों में चमके गूदड़ी के लाल, कोई गरीबी में पढ़कर आगे बढ़ा तो कोई अभावों में

जयपुर, 16 अप्रैल (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सर्विसेज एग्जाम-2023 का परिणाम जारी कर दिया। इसमें बाड़मेर के मोहनलाल जाखड़ ने 53वीं और अक्षय डोसी ने 75वीं रैंक हासिल की है। बीकानेर की खुशहाली सोलंकी को 61वीं और जोधपुर की कृष्णा जोशी को 73वीं रैंक मिली है। नागौर की मृणालिका राठौड़ ने 125वीं और शिवांक चौधरी ने 530वीं रैंक हासिल की है। बालोतरा के विजय राघव गोयल की 229वीं और झुंझुनूं के सचिन राहर को 291वीं रैंक मिली है। सीकर के हैड कॉन्स्टेबल के बेटे मोहन मंगावा की 551वीं रैंक आई है। अजमेर के अभिमन्यु सिंह को 673वीं रैंक मिली है। दूदू के किसान मां के बेटे दीपक चौधरी ने 755वीं रैंक हासिल की है। बाड़मेर कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपाराम मेघवाल के बेटे पूरण मेघवाल की 885वीं रैंक रही।

दूदू जिले के मोखमपुरा गांव के रहने वाले 29 वर्षीय दीपक चौधरी (755वीं रैंक) को छठें प्रयास में सफलता मिली है। उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। दीपक ने पॉलिटिकल साइंस से नेट-जेआरएफ-2023 में पहली रैंक हासिल की थी। दीपक के पिता खेमचंद चौधरी ट्रक मैकेनिक थे। वर्ष 2000 में उनका देहांत हो गया। उस वक्त दीपक की उम्र महज पांच साल थी। इसके बाद उनकी मां भोली देवी और बड़े भाई दीनदयाल चौधरी ने खेती-बाड़ी कर दीपक को पढ़ाया-लिखाया। दीपक ने सफलता का श्रेय मां और बड़े भाई को दिया है। मोहनलाल जाखड़ (53वीं रैंक) बाड़मेर के भाखड़ा गांव के रहने वाले हैं। वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) हैदराबाद में जॉब कर रहे हैं। मोहनलाल की प्रारंभिक शिक्षा बाड़मेर में हुई है। 2020 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया। एक महीने पहले ही जॉब जॉइन की है।

बाड़मेर के चौहटन के रहने वाले अक्षय डोसी (75वीं रैंक) के पिता महेश डोसी ने बताया कि बेटे ने पांचवें प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया। अक्षय 2016 में आईआईटी खड़गपुर से पासआउट है। दो महीने पहले ही उसने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफएस) 2023 का इंटरव्यू दिया था, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। अक्षय की आरएएस एग्जाम-2023 में भी 165वीं रैंक आई थी। अक्षय ने 10वीं तक की पढ़ाई बाल विद्या मंदिर में की थी। फिलहाल अक्षय दिल्ली में है। छोटा बेटा शुभम जयपुर में आरएएस एग्जाम की तैयारी कर रहा है। झुंझुनूं के 26 वर्षीय सचिन राहर (291वीं रैंक) को चौथी बार में सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफलता मिली है। सचिन के पिता शुभकरण राहर जिला परिषद झुंझुनूं में अधिशाषी अभियंता हैं। माता सावित्री देवी अध्यापिका हैं। सचिन अपने पिता को रोल मॉडल मानते हैं। बड़े भाई डॉ. संजीव राहर का भी मार्गदर्शन रहा। सचिन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया है। लोहिया कॉलेज से भूगोल में एमए किया है। 885वीं रैंक हासिल करने वाले पूरण मेघवाल बाड़मेर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपाराम मेघवाल के बेटे हैं। फिलहाल पूरण दिल्ली में हैं। पूरण ने पांच साल से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। चार बार प्री एग्जाम भी पास किया। दूसरी बार इंटरव्यू में सिलेक्शन हुआ। प्राइमरी शिक्षा पचपदरा में हुई और जोधपुर के जीत कॉलेज से बीटेक किया। समाज सेवा का भाव लेकर यूपीएससी को चुना। परिवार राजनीति में रहकर समाज की सेवा कर रहा है।

सीकर में खंडेला के बस्सी गांव के रहने वाले मोहन मंगावा ने 551वीं रैंक हासिल की है। मोहन के पिता हरलाल मंगावा राजस्थान पुलिस में हैड कॉन्स्टेबल हैं। वे नागौर विधायक हरेंद्र मिर्धा की सुरक्षा में रह चुके हैं। मोहन की मां धापू देवी गृहिणी हैं। मोहन ने बताया कि जीवन में वर्तमान से बेहतर करने की सोच रखते हुए किसी काम को करना चाहिए। दसवीं तक की पढ़ाई श्रीमाधोपुर में की। इसके बाद पढ़ने के लिए जयपुर चला गया। वहां रहकर 12वीं की पढ़ाई की। 2019 में भारतीय नौसेना में टेक्निकल ऑफिसर की पोस्ट पर नौकरी लगी। एक साल तक जामनगर (गुजरात) में नौकरी भी की। नौकरी करने के दौरान मन में ख्याल आया कि क्यों न इससे बेहतर नौकरी की जाए। 2020 में जॉब छोड़ दी। फिर घर पर ही यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया। रोजाना करीब आठ से नौ घंटे तक पढ़ाई की।

बालोतरा जिले के विजय राघव गोयल ने 229वीं रैंक हासिल की है। विजय की सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है। जोधपुर की कृष्णा जोशी (73वीं रैंक) सरकारी वकील अनिल जोशी की बेटी हैं। परिणाम आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। नागौर में जाट कॉलोनी निवासी शिवांक चौधरी (530वीं रैंक) के पिता नवीन गोदारा ठेकेदार हैं। मां ममता गोदारा गृहिणी हैं। बहन वैष्णवी 12वीं कक्षा में पढ़ती है। अजमेर के अभिमन्यु सिंह (673वीं रैंक) ने इससे पहले भारतीय वन सेवा (आईएफएस) 2022 में 29वीं रैंक हासिल की थी। वे अभी देहरादून में प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनके पिता अरविंद कुमार सांगवा प्रशासनिक अधिकारी (आरएएस) हैं।