Government's strict Decision: राशन वितरण में पारदर्शिता के लिए 2 लाख राशन कार्ड हुए अमान्य
News India Live, Digital Desk: Government's strict Decision: उत्तर प्रदेश में, विशेषकर अमेठी जैसे क्षेत्रों में, लाखों राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका लगने वाला है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेठी जिले में ही लगभग 2 लाख राशन कार्ड धारकों को अब मुफ्त में गेहूं और चावल का वितरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनके राशन कार्ड को अमान्य कर दिया गया है। यह कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना और फर्जीवाड़ा को रोकना है, ताकि योजना का लाभ केवल वास्तविक और जरूरतमंद लाभार्थियों तक ही पहुँचे।
यह निर्णय उन राशन कार्ड धारकों के खिलाफ लिया गया है, जिन्होंने आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, या जिनके सत्यापन में गड़बड़ियाँ पाई गईं। इसमें कई तरह के मामले शामिल हैं:
केवाईसी और आधार लिंकेज की कमी: कई कार्डधारकों ने अपने राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराया था या ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा नहीं किया था।
पात्रता मानदंडों का उल्लंघन: कुछ लाभार्थी ऐसे पाए गए जो सरकारी मानदंडों के अनुसार योजना के पात्र नहीं थे (उदाहरण के लिए, जिनकी आय सीमा से अधिक है, जिनके पास गाड़ी या सरकारी नौकरी है, आदि)।
मृत्यु या स्थानांतरण: बड़ी संख्या में ऐसे भी राशन कार्ड थे जिनके लाभार्थी की मृत्यु हो चुकी थी या वे अन्य जगहों पर स्थानांतरित हो गए थे, लेकिन उनके नाम अभी भी सूची में शामिल थे।
दोहराव: एक ही परिवार या व्यक्ति के नाम पर कई राशन कार्ड होने के मामले भी पाए गए।
इन सभी मामलों को फिल्टर करने और पात्र लाभार्थियों को अलग करने के लिए एक विस्तृत सत्यापन अभियान चलाया गया था। अमेठी में दो लाख राशन कार्ड निरस्त होना, इस अभियान की व्यापकता को दर्शाता है। यह सरकारी खजाने पर से अनावश्यक बोझ कम करेगा और पात्र गरीब परिवारों तक अनाज पहुंचाने में मदद करेगा।
इस कार्रवाई के बाद, जिन लोगों के राशन कार्ड निरस्त हुए हैं, उन्हें मुफ्त गेहूं और चावल मिलना बंद हो जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक कुशल बनाया जाए ताकि जरूरतमंदों को ही इसका सीधा लाभ मिले। यह कदम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और कल्याणकारी योजनाओं में जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन लाभार्थियों को जिन्हें इस सूची से हटाया गया है, उन्हें यह जांचने की सलाह दी गई है कि उनका नाम क्यों कटा है और यदि वे पात्र हैं, तो संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
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