ऑनलाइन गेमिंग पर देश की सबसे बड़ी 'सर्जिकल स्ट्राइक', पूर्ण प्रतिबंध की तैयारी में सरकार, 2 लाख नौकरियां खतरे में
एक ऐसी खबर जिसने देश के करोड़ों गेमर्स और अरबों डॉलर की गेमिंग इंडस्ट्री की नींद उड़ा दी है! केंद्र सरकार पैसों से खेले जाने वाले सभी प्रकार के ऑनलाइन गेम्स (Online Real Money Gaming - RMG) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार कर चुकी है, जिसे जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है। यह कदम अगर कानून बन गया, तो यह Dream11, Rummy Circle, Mobile Premier League (MPL) जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स सहित पूरे रियल मनी गेमिंग सेक्टर का भारत में 'गेम ओवर' कर देगा।
कैबिनेट द्वारा इस मसौदा विधेयक को मंजूरी दिए जाने की खबरों ने पूरे उद्योग में भूचाल ला दिया है। उद्योग जगत का कहना है कि यह फैसला बिना किसी परामर्श के लिया गया एकतरफा कदम है, जो न केवल इस तेजी से बढ़ते सेक्टर को खत्म कर देगा, बल्कि लाखों नौकरियों और हजारों करोड़ के सरकारी राजस्व पर भी भारी चोट करेगा।
क्या है सरकार का 'गेम ओवर' प्लान? (विधेयक के मुख्य प्रस्ताव)
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस नए और सख्त कानून के मसौदे में कई क्रांतिकारी और कठोर प्रस्ताव शामिल हैं:
- पैसों वाले हर गेम पर पूर्ण प्रतिबंध: विधेयक में 'पैसों वाले ऑनलाइन गेम (RMG)' की पेशकश करने, उसे खेलने के लिए उकसाने, या उसका प्रचार करने पर पूरी तरह से रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसका मतलब है कि जिन भी गेम्स में एंट्री फीस लगती है और जीतने पर नकद पुरस्कार मिलता है, वे सभी अवैध हो जाएंगे।
- विज्ञापन पर भी रोक: यह कानून ऐसे किसी भी विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगा जो किसी व्यक्ति को पैसों वाले ऑनलाइन गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करता हो। इसका सीधा असर टीवी, डिजिटल मीडिया और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर पड़ेगा।
- वित्तीय लेनदेन पर लगेगी लगाम: मसौदा विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि कोई भी बैंक, वित्तीय संस्थान या पेमेंट गेटवे RMG से संबंधित किसी भी लेनदेन की सुविधा प्रदान नहीं करेगा। यानी, आप इन गेम्स में पैसा जमा या निकाल नहीं पाएंगे।
- सिर्फ ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा: इस बिल का एक उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स (e-Sports) और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देना ਹੈ। ये वो गेम्स होते हैं जिनमें स्किल का प्रदर्शन होता है, लेकिन कोई मौद्रिक पुरस्कार या सट्टेबाजी शामिल नहीं होती। हालांकि, इंडस्ट्री का कहना ਹੈ कि यह कुल गेमिंग बाजार का सिर्फ 15% हिस्सा है।
गेमिंग इंडस्ट्री में 'भूकंप', बोले - "यह तो हमें खत्म कर देगा!"
सरकार के इस प्रस्तावित 'महा-प्रतिबंध' की खबर जैसे ही सामने आई, पूरे गेमिंग उद्योग में हड़कंप मच गया। इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों और हितधारकों का कहना ਹੈ कि यह फैसला विनाशकारी साबित होगा।
- बिना परामर्श के फैसला: एक प्रमुख गेमिंग कंपनी के अधिकारी ने कहा, "यह चौंकाने वाला है। इस बिल के किसी भी पहलू पर हमसे कोई परामर्श नहीं किया गया। यह स्पष्ट रूप से उस पूरे उद्योग को खत्म कर देगा जिसे हमने पिछले कुछ वर्षों में इतनी मेहनत से बनाया है।"
- विदेशी सट्टेबाजी साइटों को मिलेगा बढ़ावा: इंडस्ट्री का सबसे बड़ा डर यह ਹੈ कि इस प्रतिबंध से भारतीय कंपनियां तो खत्म हो जाएंगी, लेकिन यूजर्स अवैध और विदेशी जुआ साइटों पर चले जाएंगे, जिन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इससे देश का पैसा बाहर जाएगा और यूजर्स के साथ धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ेगा।
- आर्थिक तबाही की आशंका: एक कार्याधिकारी ने कहा, "इस प्रतिबंध से नवाचार खत्म होने, राजस्व और नौकरियां गंवाने का खतरा है। इस उद्योग में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है और यह क्षेत्र जीएसटी राजस्व में सालाना 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान करता है।"
क्यों उठा रही ਹੈ सरकार यह सख्त कदम?
हालांकि सरकार आधिकारिक तौर पर कारण नहीं बताए है, लेकिन माना जा रहा ਹੈ कि इस फैसले के पीछे ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी सामाजिक समस्याएं हैं, जैसे:
- गेमिंग की लत (Addiction): युवाओं में गेमिंग की लत का बढ़ना।
- वित्तीय बर्बादी और आत्महत्या: गेमिंग में पैसे हारने के कारण लोगों का कर्ज में डूबना और आत्महत्या जैसे भयावह कदम उठाना।
- मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा: इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए होने की आशंका।
आगे क्या होगा?
कैबिनेट से मंजूरी के बाद, अब इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में पेश किया जाएगा। वहां इस पर बहस होगी और अगर यह पास हो जाता है, तो यह कानून का रूप ले लेगा।
यह टकराव 'स्किल बनाम चांस' (Skill vs. Chance) की पुरानी बहस से बहुत आगे निकल चुका है। यह अब एक तरफ सरकार के सामाजिक सरोकार और दूसरी तरफ एक विशाल, रोजगार देने वाले उद्योग के भविष्य के बीच की लड़ाई बन गया है, जिसका नतीजा यह तय करेगा कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग का भविष्य क्या होगा।
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