Govardhan Puja 2025 : जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और क्यों खास है अन्नकूट का पर्व

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News India Live, Digital Desk: दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा का त्योहार प्रकृति के प्रति आभार जताने का दिन है। इसे 'अन्नकूट' के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान श्री कृष्ण की उस लीला को याद करने का है, जब उन्होंने अपनी छोटी उंगली पर विशाल गोवर्धन पर्वत उठाकर देवराज इंद्र का अहंकार तोड़ा था और ब्रजवासियों की रक्षा की थी।

इस दिन मुख्य रूप से गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। लोग अपने घरों के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं और भगवान कृष्ण को 56 भोग या अन्नकूट का भोग लगाते हैं। आइए जानते हैं साल 2025 में गोवर्धन पूजा की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व।

गोवर्धन पूजा 2025: तारीख और शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2025: Date and Timings)

इस साल कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि को लेकर पंचांग में कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जिससे तारीख को समझना जरूरी है।

  • कार्तिक माह प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 28 मिनट से।
  • कार्तिक माह प्रतिपदा तिथि समाप्त: 1 नवंबर 2025, शनिवार को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर।
  • पूजा की तारीख: उदया तिथि के अनुसार, गोवर्धन पूजा 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

  • प्रातःकाल पूजा मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 46 मिनट तक।

क्यों मनाया जाता है गोवर्धन पूजा का त्योहार?

पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रज के लोग इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा किया करते थे। तब भगवान कृष्ण ने उन्हें समझाया कि इंद्र देव तो केवल वर्षा करते हैं, जबकि हमारी गायों को चारा और हमें फल-सब्जियां गोवर्धन पर्वत से मिलती हैं। इसलिए हमें इंद्र की नहीं, बल्कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए। ब्रजवासियों ने कृष्ण की बात मानकर गोवर्धन की पूजा शुरू कर दी।

इससे इंद्र देव क्रोधित हो गए और उन्होंने ब्रज पर भयंकर बारिश शुरू कर दी। तब ब्रजवासियों को बचाने के लिए श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर पूरे गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी ब्रजवासियों ने 7 दिनों तक उसके नीचे शरण ली। अपनी हार देखकर इंद्र देव को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा मांगी। तभी से गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है।

कैसे करें गोवर्धन पूजा? (Puja Vidhi)

  • सुबह शरीर पर तेल मलकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • घर के मुख्य द्वार या आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।
  • इसके पास भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति भी रखें।
  • अब गोवर्धन पर्वत को अक्षत, चंदन, फूल और दीयों से सजाएं।
  • भगवान को अन्नकूट (विभिन्न सब्जियों को मिलाकर बना प्रसाद), मिठाई और फल का भोग लगाएं।
  • पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें।
  • पूजा के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।

इस दिन की गई पूजा से घर में धन, धान्य और संतान की वृद्धि होती है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें हमेशा प्रकृति का सम्मान और संरक्षण करना चाहिए।

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