Good news from Bihar to Gujarat: पटना-सूरत अहमदाबाद के लिए मिल सकती हैं नई उड़ानें
News India Live, Digital Desk: बिहार के पटना और गुजरात के दो प्रमुख शहरों - सूरत व अहमदाबाद - के बीच सीधी हवाई उड़ानों की लंबे समय से चली आ रही मांग अब पूरी होने की दिशा में आगे बढ़ती दिख रही है। यह उन लाखों बिहारियों के लिए बड़ी राहत की बात है जो गुजरात में काम-काज करते हैं या वहाँ व्यापार से जुड़े हुए हैं और उन्हें बार-बार अपने घर लौटना पड़ता है। इस बहुप्रतीक्षित मांग पर केंद्र सरकार की ओर से एक सकारात्मक संकेत मिला है, जिससे हवाई कनेक्टिविटी बेहतर होने की उम्मीदें जग गई हैं।
यह मामला तब सामने आया जब लोकसभा में पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हवाई सेवाओं को बढ़ाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों, खासकर गुजरात के सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों से पटना के लिए नई सीधी उड़ानों की मांग रखी थी। इस मांग के पीछे प्रमुख वजह यह थी कि गुजरात में बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते और काम करते हैं, और उन्हें सीधे उड़ान न मिलने के कारण या तो कनेक्टिविटी की दिक्कतें आती हैं या फिर हवाई यात्रा महंगी और असुविधाजनक हो जाती है। रविशंकर प्रसाद ने हवाई सेवा को 'लाइफलाइन' बताते हुए उसकी ज़रूरत पर बल दिया।
रविशंकर प्रसाद की इस मांग का केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में जवाब दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) जल्द ही एयरलाइंस के साथ बैठक करेगा और इस मांग पर विचार करेगा। मंत्री ने सदन में यह भी स्पष्ट किया कि एयरलाइंस को देश के भीतर उड़ानें शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। एयरलाइंस कंपनियां अपनी व्यावसायिक नीतियों और बाजार की मांग के आधार पर खुद यह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे किन रूटों पर उड़ानें संचालित करें।
हालांकि, नागर विमानन मंत्रालय ने अपने जवाब में यह भी बताया कि 'उड़ान' योजना जैसी क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत अब तक बिहार में 23 मार्ग मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 13 पर अभी सेवाएं चल रही हैं। इसका अर्थ यह है कि क्षेत्रीय स्तर पर हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने का काम जारी है। मंत्री का यह जवाब एयरलाइंस को इस बात का स्पष्ट संकेत देता है कि बिहार से गुजरात के लिए नई उड़ानों की वास्तविक जरूरत है। यदि एयरलाइंस कंपनियां इस मार्ग पर अपनी व्यावसायिक व्यवहार्यता पाती हैं और यात्री संख्या पर्याप्त होती है, तो वे जल्द ही नई उड़ानों की घोषणा कर सकती हैं। यह कदम न केवल दोनों राज्यों के बीच यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि आर्थिक संबंधों को भी मजबूती देगा।
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