Good news for bank Employees: अब सप्ताह में सिर्फ 5 दिन खुलेंगे बैंक, 2 दिन की मिलेगी छुट्टी

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News India Live, Digital Desk: Good news for bank Employees:   भारतीय बैंकिंग सेक्टर में बहुत जल्द एक बड़ा और बहुप्रतीक्षित बदलाव होने वाला है। खबर आ रही है कि बैंकों में अब पांच दिन काम और दो दिन छुट्टी का नियम लागू हो सकता है, जिससे लाखों बैंक कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। इंडियन बैंक एसोसिएशन IBA ने इस अहम प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है, और अब बस इसे केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय की अंतिम मंजूरी का इंतजार है।

दरअसल, यह मांग यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स UFBU की तरफ से लंबे समय से की जा रही थी। उनका तर्क था कि बैंककर्मियों को बेहतर कार्य-जीवन संतुलन वर्क-लाइफ बैलेंस और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलनी चाहिए, क्योंकि वे भी एक लंबी और तनावपूर्ण सेवा करते हैं। फिलहाल, भारतीय बैंक हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं, लेकिन नए नियम के लागू होते ही सभी शनिवार को कर्मचारियों को अवकाश मिलेगा। इसका सीधा सा मतलब है कि महीने में सभी चार या पाँच शनिवार अब छुट्टियों के रूप में माने जाएंगे, और बैंकों में सिर्फ सोमवार से शुक्रवार तक ही काम होगा।

इस नए नियम से बैंक कर्मचारियों को अपनी निजी और सामाजिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त समय मिल पाएगा, जिससे उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत बेहतर होगी। ठीक इसी तरह की कार्यप्रणाली लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन LIC में पहले से ही लागू है, जहाँ कर्मचारी हफ्ते में केवल पांच दिन ही काम करते हैं।

हालांकि, इस बदलाव का सीधा असर बैंक ग्राहकों पर भी पड़ेगा। उन्हें अपने बैंक से जुड़े कामों के लिए अब अधिक योजना बनानी होगी। जैसे कि नकद जमा या निकासी, चेक क्लियरेंस, या पासबुक अपडेट जैसे कामों के लिए वे सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही जा पाएंगे। ऐसे में ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम और अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का महत्व और भी बढ़ जाएगा। लोगों को अब डिजिटल लेनदेन को प्राथमिकता देनी होगी ताकि उन्हें बैंक बंद होने पर किसी तरह की दिक्कत न हो।

अच्छी बात यह है कि इस नई व्यवस्था से कर्मचारियों के वेतन या काम के घंटों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। वेतन वृद्धि को लेकर पहले ही कई राउंड की बातचीत हो चुकी है, जो अलग है। यह नियम सिर्फ उनके छुट्टी के दिनों को बढ़ाने पर केंद्रित है। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद यह भारत के बैंकिंग उद्योग में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देगा।

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