साल 2025 की आखिरी कालाष्टमी बाबा भैरव को खुश करने का गोल्डन चांस, जानें 11 दिसंबर का विशेष मुहूर्त
News India Live, Digital Desk : साल 2025 अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है और इस महीने में एक ऐसी तारीख आ रही है, जो उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो जीवन में र्द, शत्रुओं या किसी अजीब दोष से परेशान हैं।हम बात कर रहे हैं कालाष्टमी की। पंचांग के अनुसार, इस बार पौष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, यानी 11 दिसंबर 2025 को कालाष्टमी मनाई जाएगी।
कालाष्टमी का दिन भगवान शिव के रौद्र रूप यानी 'काल भैरव' को समर्पित होता है।और जिसे महाकाल का आशीर्वाद मिल जाए, उसका काल भी क्या बिगाड़ सकता है?
काल सर्प दोष: अगर जीवन रुक सा गया है...
बहुत से लोग महसूस करते हैं कि वे मेहनत तो पूरी करते हैं, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगता। तरक्की होते-होते रुक जाती है, घर में कलह क्लेश रहता है। ज्योतिष की भाषा में अक्सर इसे 'काल सर्प दोष' या राहु-केतु का फेर माना जाता है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही महसूस कर रहे हैं, तो 11 दिसंबर का दिन आपके लिए खास है।
माना जाता है कि काल भैरव की पूजा से बड़े से बड़ा 'दोष' भी शांत हो जाता है। लोग कहते हैं कि इस दिन अगर सच्चे मन से एक छोटा सा उपाय भी कर लिया जाए, तो जीवन की गाड़ी वापस पटरी पर दौड़ने लगती है।
पूजा का मुहूर्त और वो खास उपाय जो बनाएंगे काम
इस बार 11 दिसंबर, गुरुवार को अष्टमी तिथि दोपहर में शुरू हो रही है, इसलिए प्रदोष काल (शाम का समय) और निशिता काल (रात का समय) पूजा के लिए सबसे उत्तम रहेगा। बाबा भैरव तंत्र के देवता भी हैं, इसलिए उनकी पूजा अक्सर रात में ज्यादा फलदायी मानी जाती है।
क्या करें उपाय? (Do Remedies)
- सरसों के तेल का दिया: इस दिन शाम को किसी भी भैरव मंदिर या शिव मंदिर में जाकर सरसों के तेल का एक चौमुखी दीपक जलाएं। यह शत्रुओं और भय को दूर करने का सबसे अचूक तरीका माना जाता है।
- काल सर्प दोष शांति: अगर कुंडली में काल सर्प दोष है, तो इस कालाष्टमी पर भगवान शिव को चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करें और दूध से अभिषेक करें। 'ओम नमः शिवाय' का जाप करते हुए बाबा से कष्ट हरने की प्रार्थना करें। यकीन मानिए, आपको खुद बदलाव महसूस होगा।
- कुत्तों की सेवा: बाबा भैरव का वाहन कुत्ता है। इस दिन किसी काले कुत्ते को रोटी या बिस्किट जरूर खिलाएं। यह छोटा सा काम आपके रुके हुए कामों को रफ्तार दे सकता है।
डरिए मत, बस श्रद्धा रखिए। 11 दिसंबर को बाबा भैरव का ध्यान करें, सारी नकारात्मकता दूर हो जाएगी और नया साल नई उम्मीदें लेकर आएगा।
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