Gold Price Today : सोना आसमान छू रहा है ,रिकॉर्ड हाई कीमतों पर क्या 9K ज्वैलरी खरीदें या 22K/24K में निवेश करें?

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News India Live, Digital Desk:  Gold Price Today : भारत में सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि हमारी परंपरा, संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक है. खासकर त्योहारों, शादी-ब्याह या किसी भी शुभ मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. लेकिन इस बार दिवाली और धनतेरस से पहले सोने की कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे आम आदमी के लिए शुद्ध सोना खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है. बुधवार, 15 अक्टूबर, 2025 को 24 कैरेट सोने का दाम 1,27,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया है, जो एक चिंताजनक स्थिति है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या कम शुद्धता वाले, खासकर 9 कैरेट (9K) सोने की ज्वैलरी में निवेश करना समझदारी होगी या फिर पारंपरिक 22 कैरेट (22K) और 24 कैरेट (24K) सोना ही खरीदें? आइए, आज हम सोने की शुद्धता के इस पूरे खेल को आसान भाषा में समझते हैं ताकि आप सही फैसला ले सकें.

क्या है सोने की शुद्धता का खेल: कैरेट का मतलब (Gold Purity in Karats)?

जब भी आप सोना खरीदने जाते हैं, तो 'कैरेट' (Karat) शब्द बार-बार सुनने को मिलता है. कैरेट सोने की शुद्धता मापने का एक पैमाना है:

  • 24 कैरेट (24K) सोना: यह सबसे शुद्ध सोना होता है, जिसमें 99.9% सोना होता है. यह बहुत नरम होता है और इससे ज्वैलरी बनाना मुश्किल होता है. इसीलिए इसका इस्तेमाल ज्यादातर सिक्के और गोल्ड बार (Gold Bar) या निवेश के लिए होता है. इसे निवेश का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है.
  • 22 कैरेट (22K) सोना: इसे 'ज्वैलरी गोल्ड' भी कहते हैं, इसमें 91.6% शुद्ध सोना होता है और बाकी (लगभग 8.4%) अन्य धातुएं जैसे तांबा या चांदी मिलाई जाती हैं. इन धातुओं को मिलाने से सोना मजबूत हो जाता है और इससे गहने बनाना आसान होता है. यह गहने खरीदने और निवेश दोनों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्प है.
  • 18 कैरेट (18K) सोना: इसमें 75% शुद्ध सोना होता है और 25% अन्य धातुएं होती हैं. यह 22K से भी ज्यादा मजबूत होता है और इससे बारीक डिज़ाइन वाली ज्वैलरी या रोजमर्रा के लिए मजबूत गहने बनाए जाते हैं. यह कम शुद्धता के कारण थोड़ा सस्ता भी होता है.
  • 14 कैरेट (14K) सोना: इसमें 58.5% शुद्ध सोना होता है और बाकी मिश्र धातु होती है. इसकी मजबूती भी काफी ज्यादा होती है.
  • 9 कैरेट (9K) सोना: इसमें सबसे कम 37.5% शुद्ध सोना होता है और 62.5% अन्य धातुएं (जैसे चांदी, निकल, तांबा या जिंक) मिली होती हैं. यह सोना काफी मजबूत और सस्ता होता है. आजकल कम बजट और फैशनेबल ज्वैलरी के लिए इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है.

9K ज्वैलरी या 22K/24K में से क्या खरीदें? (Gold Investment Advice)

एक्सपर्ट्स की सलाह है कि आपको सोने में निवेश या ज्वैलरी की खरीदारी करते समय उसके असली मकसद को समझना होगा:

  • निवेश के लिए (Investment Purpose):
    अगर आपका मकसद सोने में निवेश करना है और आप चाहते हैं कि आपको अच्छा रिटर्न मिले, तो 22K या 24K सोना ही खरीदें. 24K सोना शुद्धता में सर्वश्रेष्ठ होता है, जबकि 22K ज्वैलरी के लिए अच्छा माना जाता है, जिसमें सोने की मात्रा ज्यादा होती है.
    9K सोने से बचें: 9 कैरेट सोना निवेश के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है. इसमें सिर्फ 37.5% शुद्ध सोना होता है. इसका मतलब है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो आपको सोने के असली भाव का केवल 37.5% ही मिलेगा. इसके साथ ही, कम सोने की मात्रा होने के बावजूद मेकिंग चार्ज (बनाने का शुल्क) अक्सर ज्यादा लगता है, जिससे यह निवेश के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें 'सोने की तुलना में अन्य धातुओं की हिस्सेदारी ज्यादा होती है'.
  • फैशन और रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए (Fashion & Daily Wear):
    अगर आप केवल फैशनेबल ज्वैलरी पहनना चाहते हैं जो सस्ती हो और मजबूत भी हो (ताकि जल्दी टूटे न), तो 9K या 18K सोना एक विकल्प हो सकता है. इसमें अन्य धातुओं की मिलावट ज्यादा होने के कारण ये गहने टिकाऊ होते हैं, रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए ठीक रहते हैं और इनमें टूटने या खराब होने का जोखिम कम होता है. चूंकि इनकी कीमत कम होती है, तो यह हर किसी के बजट में भी आ जाते हैं और ये 'आधुनिक ज्वेलरी डिजाइनों' के लिए उपयुक्त होते हैं.

सोना खरीदने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें (Tips for Buying Gold):

  • हॉलमार्किंग (Hallmarking): भारत में सोने की हॉलमार्किंग अब अनिवार्य है. हॉलमार्क से सोने की शुद्धता की गारंटी मिलती है. हॉलमार्क वाले सोने पर BIS लोगो, शुद्धता का निशान (जैसे 22K के लिए '916' या 9K के लिए '375'), असेसिंग ऑफिस मार्क, ज्वैलर का पहचान चिह्न और डेट लेटर होता है. आप BIS केयर ऐप से भी HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर जांच सकते हैं.
  • मेकिंग चार्ज (Making Charges): सोने के आधार मूल्य के अलावा, ज्वैलरी पर मेकिंग चार्जेज भी लगते हैं, जो डिजाइन, शिल्प कौशल और ज्वैलर पर निर्भर करते हैं. इन्हें खरीदते समय जरूर पूछें और इनकी तुलना करें.
  • बिल और सर्टिफिकेट: हमेशा पक्का बिल और शुद्धता का सर्टिफिकेट लेना न भूलें. इसमें सोने का वजन, शुद्धता और मेकिंग चार्जेज स्पष्ट रूप से दर्ज होने चाहिए.
  • बायबैक पॉलिसी: अगर आप भविष्य में सोना बेचने या बदलने की सोच रहे हैं, तो ज्वैलर की बायबैक पॉलिसी (Buyback Policy) के बारे में जरूर पूछ लें कि कितने प्रतिशत मूल्य वापस मिलेगा.

इस त्योहारी सीजन में, जब सोना रिकॉर्ड स्तर पर महंगा है, अपनी जरूरत और निवेश के उद्देश्य को समझकर ही सोने की खरीदारी करें. 'सोने में निवेश' करना हो तो 22K या 24K पर ध्यान दें, अगर 'फैशन ज्वैलरी' लेनी हो तो 9K पर विचार करें. 'सोने की बढ़ती कीमतों' को देखते हुए समझदारी से फैसला लेना बहुत जरूरी है.

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