Generation Z's new office: 88% को चाहिए इमोजी वाली भाषा, क्या बदल जाएगा वर्कप्लेस कम्युनिकेशन
News India Live, Digital Desk: Generation Z's new office: कम्युनिकेशन का तरीका तेजी से बदल रहा है, खासकर ऑफिस स्पेस में। अब सिर्फ ईमेल और औपचारिक भाषा का दौर नहीं रहा, बल्कि युवा पीढ़ी यानी जनरेशन ज़ेड (Gen Z) के लोग काम की जगहों पर भी अपनी नई पहचान छोड़ रहे हैं। एक ताजा अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि 88% जनरेशन ज़ेड कर्मचारी पेशेवर संचार में इमोजी के इस्तेमाल को पसंद करते हैं, या कम से कम इसे स्वीकार करते हैं। इसका मतलब है कि जल्द ही दफ्तरों में संवाद की भाषा सिर्फ औपचारिक शब्दों से आगे बढ़कर रंगीन 'रेड-येलो' इमोजी वाली भी हो सकती है।
इस प्रवृत्ति को समझते हुए, एडोबी (Adobe) द्वारा 'फ्यूचर ऑफ वर्क रिपोर्ट 2023' (Future of Work Report 2023) के नाम से एक शोध किया गया था। इस शोध में युवा पीढ़ी और डिजिटल संचार के बदलते स्वरूप पर गहन विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इमोजी और जिफ़ (GIF) अब केवल सोशल मीडिया या व्यक्तिगत चैटिंग का हिस्सा नहीं रहे, बल्कि ये वर्कप्लेस कम्युनिकेशन का भी एक महत्वपूर्ण अंग बन रहे हैं। जेन ज़ेड के 60% कर्मचारियों का मानना है कि जिफ़ का उपयोग वर्कप्लेस पर उनके संचार को प्रभावी बनाता है, जिससे उनके मैसेज और भी स्पष्ट रूप से व्यक्त होते हैं।
एडोबी के ही सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि जनरेशन ज़ेड के लोग संचार के मामले में इमोजी और जिफ़ को औपचारिक और ईमेल पर बहुत अधिक महत्व नहीं देते हैं। उन्हें लगता है कि ये दृश्य (विजुअल) उपकरण विचारों को जल्दी, स्पष्टता से और अधिक भावनात्मक रूप से व्यक्त करने में मदद करते हैं, जिससे संदेश प्रभावी हो जाता है। उदाहरण के लिए, एक स्माइली फेस एक सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकता है, या एक अंगूठे का निशान सहमति दर्शा सकता है, बिना एक भी शब्द कहे। यह विशेष रूप से दूरस्थ कार्य (रिमोट वर्क) के बढ़ते चलन में बहुत सहायक साबित हो सकता है, जहाँ गैर-मौखिक संकेतों (नॉन-वर्बल क्यूज) को समझना मुश्किल होता है।
इस बदलते रुझान से वर्कप्लेस लीडर्स और मैनेजमेंट के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। उन्हें इस बात पर विचार करना होगा कि वे अपनी कम्युनिकेशन नीतियों को कैसे अनुकूलित करें ताकि यह युवा, डिजिटल-सेवी पीढ़ी के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ सके। यह स्वीकार करना ज़रूरी होगा कि केवल पारंपरिक संचार विधियों पर टिके रहने से भविष्य के कार्यबल के साथ खाई बढ़ सकती है। भविष्य का कार्यालय केवल बैठकों और ईमेल तक सीमित नहीं होगा, बल्कि इसमें इमोजी, जिफ़, और अन्य मल्टीमीडिया तत्व भी होंगे जो संवाद को अधिक सहज, तेज और मानवीय बना देंगे। हालांकि, इसके लिए अभी भी कुछ कंपनियों को अपनी पॉलिसीज़ और कल्चर में बड़ा बदलाव करना होगा, ताकि पेशेवर माहौल में इमोजी का सही और मर्यादित इस्तेमाल हो सके।
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