Gemstone : मन को शांत और ठंडा रखे मोती गुस्सैल स्वभाव से मिलेगा छुटकारा
News India Live, Digital Desk: Gemstone : यदि आप अक्सर बेवजह के गुस्से, तनाव या भावनात्मक अशांति से जूझते हैं, तो ज्योतिष शास्त्र में आपके लिए एक कारगर समाधान बताया गया है: मोती रत्न। यह रत्न न केवल अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, बल्कि यह मन को शांत करने और क्रोध को नियंत्रित करने में भी सहायक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, मोती का संबंध चंद्रमा ग्रह से होता है, जो हमारे मन, भावनाओं और मानसिक शांति का प्रतीक है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है, या उस पर नकारात्मक प्रभाव होता है, तो उन्हें चिड़चिड़ापन, अत्यधिक गुस्सा और बेचैनी जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
मोती धारण करने से कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बल मिलता है, जिससे मन शांत और संतुलित होता है। यह रत्न पहनने वाले के भीतर शीतलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, तनाव और बेचैनी को कम करता है, जिससे अनावश्यक क्रोध पर काबू पाना आसान हो जाता है। मोती मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है, जिससे आप भावनाओं में बहकर गलत फैसले लेने से बच सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं या जिनके भीतर नकारात्मक विचार हावी होते हैं।
मोती धारण करने के लिए कुछ विशेष नियम हैं। इसे हमेशा सोमवार के दिन ही पहनना शुभ माना जाता है। इसे चाँदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए, और इसे अनामिका रिंग फिंगर या कनिष्ठिका (सबसे छोटी उंगली) में पहना जा सकता है। रत्न को धारण करने से पहले, उसकी शुद्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है; इसके लिए इसे गंगाजल, कच्चे दूध और शहद के मिश्रण में डालकर शुद्ध किया जाता है। शुद्धिकरण के बाद, चंद्रमा के बीज मंत्र "ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नमः" का 108 बार जाप करते हुए इसे धारण करना चाहिए। कुछ ज्योतिषी चन्द्रकांत मणि मूनस्टोन जैसे अन्य रत्नों की भी सलाह देते हैं जो मन को शांति देते हैं और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
किसी भी रत्न को धारण करने से पहले, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आप अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी और योग्य ज्योतिषी से अवश्य करवा लें, क्योंकि गलत रत्न का चुनाव आपकी समस्या को और बढ़ा सकता है।
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