Ganeshotsav 2025: कब है गणेश स्थापना और अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन का शुभ मुहूर्त
- by Archana
- 2025-08-18 13:01:00
News India Live, Digital Desk: Ganeshotsav 2025: हिंदू धर्म में सबसे प्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का महापर्व साल 2025 में रविवार, 24 अगस्त को मनाया जाएगा. यह पावन दिन 'गणेश स्थापना' के साथ आरंभ होता है, जब भक्त भगवान गणेश की प्रतिमाओं को श्रद्धापूर्वक अपने घरों और पंडालों में स्थापित करते हैं. इसके साथ ही, दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव का समापन मंगलवार, 2 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा, जिसे 'गणेश विसर्जन' के नाम से जाना जाता है.
गणेश चतुर्थी (गणेश स्थापना) 2025
चतुर्थी तिथि की शुरुआत 24 अगस्त 2025 को दोपहर 3:00 बजे से होगी और यह 25 अगस्त 2025 को दोपहर 1:09 बजे समाप्त होगी. चूंकि हिंदू पंचांग में उदया तिथि का विशेष महत्व होता है, गणेश चतुर्थी 24 अगस्त को ही मनाई जाएगी. इस दिन गणेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:58 बजे तक रहेगा. भगवान गणेश का जन्म मध्यकाल (दोपहर) में हुआ माना जाता है, इसलिए दोपहर का समय पूजा के लिए विशेष फलदायी होता है. यह दिन भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है.
गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) 2025
भगवान गणेश का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है, जब प्रतिमाओं को श्रद्धापूर्वक नदियों, झीलों या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है. साल 2025 में अनंत चतुर्दशी मंगलवार, 2 सितंबर को है. इस दिन भक्त भगवान गणेश को अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना के साथ विदा करते हैं.
गणेश स्थापना की पूजा विधि
गणेश स्थापना से पहले भक्तों को प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. घर के पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर एक साफ चौकी या पाटे पर लाल कपड़ा बिछाना चाहिए. इस पर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने से पहले उनका ध्यान कर संकल्प लेना चाहिए. विधि-विधान से 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आवाहन करना चाहिए. भगवान को दूर्वा, मोदक, लड्डू, फल और विभिन्न प्रकार के नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं. घी का दीपक जलाकर आरती करनी चाहिए और उनकी कथा का पाठ करना चाहिए.
अनंत चतुर्दशी का महत्व
अनंत चतुर्दशी का दिन न केवल गणेश विसर्जन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा भी की जाती है. भक्त 'अनंत सूत्र' धारण करते हैं, जिसे सभी संकटों से रक्षा करने वाला माना जाता है. गणेश विसर्जन से पूर्व विशेष पूजा और आरती की जाती है. यह दस दिवसीय गणेशोत्सव पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और सामाजिक सौहार्द व एकता का प्रतीक बन गया है.
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