रूस में WhatsApp और Telegram कॉल पर रोक: इंटरनेट नियंत्रण कड़ी करने की ताज़ा पहल

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रूस सरकार ने 14 अगस्त 2025 को WhatsApp और Telegram मैसेजिंग ऐप्स में किए जाने वाले कॉल्स को "आंशिक रूप से" प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। यह कदम रूस की इंटरनेट नियंत्रण नीति का हिस्सा है, जिसका मकसद अपराध, धोखाधड़ी, आतंकवादी गतिविधियों और नुकसान पहुंचाने वाले प्रयासों से मुकाबला करना बताया गया है।

क्या है इस प्रतिबंध की वजह?

रूस के मीडिया और इंटरनेट नियामक रोसकोमनाड्ज़ोर ने कहा कि स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नागरिकों की शिकायतों के आधार पर, WhatsApp और Telegram_CALLS को प्रमुख माध्यम के रूप में धोखाधड़ी, जबरन वसूली और आतंकवाद में इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्लेटफॉर्म के मालिकों ने रूस के पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मांगों को कई बार नकार दिया और आवश्यक कदम नहीं उठाए।

इसी कारण, कॉल सेवाओं को संपूर्ण रूप से नियंत्रित न करने पर आंशिक रोक लगाई गई है।

प्रतिबंध का प्रभाव और सीमा

केवल वॉइस और वीडियो कॉल्स सीमित किए गए हैं, बाकी मैसेजिंग और अन्य ऐप फीचर्स पर कोई रोक नहीं लगी है।

यह प्रतिबंध अगस्त के शुरुआत से लागू हुआ है और यूजर्स को कई जगहों कॉल कनेक्टिविटी में दिक्कतें रिपोर्ट हुई हैं जैसे आवाज धुंधली आना या कॉल कट जाना।

रोसकोमनाड्ज़ोर ने कहा है कि अगर WhatsApp और Telegram रूस के नियमों का पालन करते हैं तो कॉल सुविधाएं पुनः बहाल की जाएंगी।

रूस का नया 'राष्ट्रीय' मैसेजिंग ऐप - MAX

रूस ने एक नया मैसेजिंग ऐप MAX लॉन्च किया है, जो VK कंपनी द्वारा विकसित किया गया है।

यह ऐप सरकार के कड़े निगरानी में होगा, उपयोगकर्ताओं का डेटा मंगाए जाने पर साझा करेगा।

MAX को रूस में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन में पूर्व-स्थापित रखने का नियम भी लागू किया जाएगा।

इसकी कोशिश विदेशी ऐप्स को हटाकर स्थानीय सर्विलांस को ज्यादा पुख्ता करने की है।

यूजर्स की प्रतिक्रिया और मौजूदा स्थिति

रूस में WhatsApp सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ऐप है, जुलाई में इसके करीब 96 मिलियन मासिक यूजर्स थे, जबकि Telegram के 89 मिलियन।

कॉल प्रतिबंध के कारण लोगों को परिवार और दोस्तों से संपर्क में परेशानी हो रही है।

दोनों प्लेटफॉर्म्स ने अभी तक इस मामले में कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इस कदम का व्यापक संदर्भ

रूस ने पहले भी Telegram को ब्लॉक करने की कोशिश की थी (2018-2020) लेकिन सफल नहीं हुआ।

यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण के बाद रूस ने कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित किया है।

WhatsApp के मालिक मेता को रूस ने 'उग्र' घोषित कर दिया है।

डिजिटल स्वतंत्रता और प्रेस पर नियंत्रण के लिए ये लगातार कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

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