दिल्ली पर बाढ़ का खतरा! यमुना खतरे के निशान के पार, निचले इलाकों में हड़कंप
पहाड़ों पर हो रही विनाशकारी बारिश अब राजधानी दिल्ली के लिए मुसीबत बनकर बह रही है। दिल्ली की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना नदी ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मंगलवार देर रात यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिसके बाद दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है।
यमुना का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है?
इस खतरे का मुख्य कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश का सारा पानी यमुना में आ रहा है, जिसके कारण बैराज से पानी छोड़ना ज़रूरी हो गया है। यह पानी कुछ ही घंटों में दिल्ली पहुँच जाता है और यहाँ नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है।
यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है
दिल्ली में यमुना का खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। आज सुबह ही यमुना का जलस्तर इस निशान को पार कर गया और इसके लगातार बढ़ने की आशंका है। जैसे ही पानी खतरे के निशान को पार करता है, प्रशासन तुरंत हरकत में आ जाता है।
निचले इलाकों में मुनादी, घर खाली कराए जा रहे हैं
यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ ही यमुना खादर, यमुना बाज़ार और मथाई पुल के आसपास यमुना किनारे निचले इलाकों में रहने वाले हज़ारों लोगों की धड़कनें तेज़ हो गई हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की टीमें लगातार इन इलाकों में गश्त कर रही हैं। लोगों को ऊँचे और सुरक्षित स्थानों पर बने राहत शिविरों में जाने के लिए कहा जा रहा है।
प्रसिद्ध पुराने लोहे के पुल पर रेल और सड़क यातायात भी रोक दिया गया है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
अगले 48 घंटे अहम
प्रशासन का कहना है कि अगले 24 से 48 घंटे दिल्ली के लिए अहम हैं क्योंकि पहाड़ों पर बारिश जारी रहने की संभावना है, जिसका मतलब है कि हथिनीकुंड बैराज से और पानी छोड़ा जा सकता है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदी किनारे बिल्कुल न जाएँ और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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