हनुमानगढ़ में फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल, हजारों की भीड़ देख प्रशासन के हाथ पांव फूले
News India Live, Digital Desk : रावतसर के पास स्थित 18 एसपीडी (18 SPD) गांव, जो आम तौर पर शांत रहता है, वहां आज कल "इंकलाब" के नारे गूंज रहे हैं। वजह है एक प्रस्तावित इथेनॉल फैक्ट्री (Ethanol Factory)। हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से पहुंचे किसानों ने एक विशाल 'महापंचायत' करके साफ़ कर दिया है कि वे अपनी जमीन पर "जहर" घुलने नहीं देंगे।
आखिर किसान क्यों डरे हुए हैं?
गाँव वालों का तर्क बिल्कुल सीधा और सच्चा है। उनका कहना है कि जहाँ भी ऐसी केमिकल फैक्ट्रियां लगती हैं, वहाँ का भूजल (Groundwater) और हवा दोनों बर्बाद हो जाते हैं।
- प्रदूषण का डर: किसानों का कहना है कि इथेनॉल फैक्ट्री से निकलने वाला दूषित पानी हमारी उपजाऊ जमीन को बंजर बना देगा।
- बीमारियों का खतरा: जहरीले धुएं और रसायन से कैंसर और चमड़ी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा।
- फसल बर्बादी: गंदे पानी के रिसाव से आसपास के कई किलोमीटर तक की फसलें चौपट हो सकती हैं।
महापंचायत में एक बुजुर्ग किसान ने भावुक होकर कहा, "हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को बंजर जमीन और बीमारियां देकर नहीं जाना चाहते।"
प्रशासन को अल्टीमेटम: आर-पार की लड़ाई
इस महापंचायत में सिर्फ़ भाषणबाजी नहीं हुई, बल्कि ठोस फैसला लिया गया। संघर्ष समिति ने प्रशासन और फैक्ट्री मालिकों को कड़ी चेतावनी दी है।
किसानों ने 7 से 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर फैक्ट्री का काम नहीं रोका गया और एनओसी (NOC) रद्द नहीं की गई, तो यह आंदोलन उग्र रूप लेगा।
जरूरत पड़ी तो नेशनल हाईवे जाम किया जाएगा और "दिल्ली कूच" जैसा माहौल यहाँ भी बन सकता है।
एकता की ताकत
हैरानी और ख़ुशी की बात यह रही कि इस महापंचायत में न कोई नेता बड़ा था, न छोटा। आस-पास के 50 से ज्यादा गांवों के लोग, सरपंच और युवा एक जाजम पर बैठे थे। सबका एक ही सुर था फैक्ट्री नहीं चाहिए।
अब आगे क्या?
गेंद अब प्रशासन के पाले में है। एक तरफ विकास का दावा है, तो दूसरी तरफ किसानों के अस्तित्व का सवाल। हनुमानगढ़ के किसानों ने बिगुल बजा दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार उनकी चिंता को समझेगी या फिर राजस्थान एक और बड़े किसान आंदोलन का गवाह बनेगा।
हम इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं। आपका इस बारे में क्या सोचना है क्या खेती वाली जमीन के बीच फैक्ट्रियां लगाना सही है? कमेंट करके जरूर बताएं।
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