रोज़ पर्यटकों को बाघ दिखाता था, एक दिन पिता की आँखों के सामने खुद बन गया उसका शिकार
सोचिए, जिस बाघ को दिखाकर न जाने कितने पर्यटकों की वाहवाही लूटी, एक दिन वही बाघ आपकी जान ले ले। यह कोई कहानी नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में हुई एक दिल दहला देने वाली सच्चाई है। अमोल नानावरे नाम का 38 साल का एक नौजवान, जो अपनी जिप्सी में बैठाकर लोगों को जंगल की सफारी कराता था और बड़ी शान से बाघ दिखाता था, उसी बाघ का निवाला बन गया।
यह घटना बुधवार की है। अमोल अपने घर से खेतों पर काम कर रहे पिता को मोटर पंप देने जा रहा था। उसे क्या पता था कि जिन बाघों को वो दूर से पहचान लेता था, उन्हीं में से एक उसकी ही राह में घात लगाए बैठा है। जैसे ही अमोल खेत के पास पहुँचा, बाघ ने अचानक उस पर हमला कर दिया और उसे जंगल में लगभग 50 मीटर अंदर तक घसीट ले गया।
यह सब उसके पिता की आँखों के सामने हुआ। एक बेबस पिता अपने बेटे को बचाने के लिए चीखता-चिल्लाता रहा। शोर सुनकर बाघ तो अमोल को छोड़कर भाग गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जब तक बचाव दल की टीम पहुँची, अमोल की साँसें थम चुकी थीं।
सिर्फ 9 दिन में चौथी मौत
चंद्रपुर जिले में यह कोई पहली घटना नहीं है। यहाँ इंसान और जंगली जानवरों के बीच का संघर्ष खतरनाक रूप ले चुका है। पिछले 9 दिनों में ही यह चौथी मौत है, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। इस साल अब तक 33 लोग जंगली जानवरों के हमलों में अपनी जान गँवा चुके हैं, जिनमें से 30 मौतें सिर्फ बाघ के हमलों की वजह से हुई हैं।
वन विभाग अब उस बाघ को पकड़ने के लिए कैमरे लगा रहा है और गाँव वालों को अकेले खेतों में न जाने की सलाह दे रहा है। लेकिन सवाल वही है कि आखिर यह सिलसिला कब थमेगा? जो जंगल कभी रोमांच का ठिकाना था, आज वहाँ मातम पसरा है।
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