Election Strategy : पीएम मोदी नहीं तो 150 सीटें भी मुश्किल निशिकांत दुबे ने बताया भाजपा का भविष्य का चेहरा कौन
News India Live, Digital Desk: Election Strategy : लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी के अंदर भी भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों और चेहरों को लेकर मंथन जारी है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे ने एक बेहद बड़ा और विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि यदि नरेंद्र मोदी नहीं हैं तो बीजेपी को लोकसभा चुनावों में 150 सीटें भी नहीं मिलेंगी। उनका यह बयान भाजपा के भीतर और बाहर एक नई बहस छेड़ रहा है कि क्या पार्टी वाकई पूरी तरह से एक व्यक्ति केंद्रित हो गई है।
निशिकांत दुबे ने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी की करिश्माई अपील और उनकी नेतृत्व क्षमता ही भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि वर्तमान में मोदी के कद का कोई दूसरा नेता उपलब्ध नहीं है, तो पार्टी को वर्तमान में प्राप्त बहुमत की तुलना में बहुत कम सीटें हासिल होंगी। यह बात उन्होंने देश के भावी प्रधानमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब में कही। उनका यह कथन उन लोगों के लिए एक सीधा जवाब है जो भाजपा के भविष्य में मोदी के उत्तराधिकारी को लेकर कयास लगा रहे हैं।
सांसद निशिकांत दुबे ने पार्टी के भीतर भी स्पष्टता लाने की कोशिश की कि मोदी के बाद भाजपा के भविष्य का नेतृत्व कौन करेगा, यह कोई ऐसी बहस नहीं है जिस पर अभी चर्चा होनी चाहिए। उनका इशारा इस ओर था कि प्रधानमंत्री मोदी अभी भी देश के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता हैं, और पार्टी को उनके नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। इस बयान के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं – क्या यह भाजपा की पूरी तरह से मोदी पर निर्भरता को स्वीकार करता है, या यह आंतरिक रूप से संभावित दावेदारों को एक संदेश देता है?
हालांकि, बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता अक्सर यह कहते हैं कि पार्टी किसी एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह एक संगठन आधारित पार्टी है। लेकिन निशिकांत दुबे जैसे प्रभावशाली नेता का यह बयान पार्टी की मौजूदा वास्तविकता और चुनावी रणनीति की दिशा पर एक अहम रोशनी डालता है। यह भी संकेत देता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा ही पार्टी के लिए सबसे बड़ा तुरुप का इक्का बना रहेगा, और उनके बिना चुनाव लड़ना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है।
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