ED की कार्रवाई और अनिल अंबानी का नाम, रिलायंस ग्रुप ने खोला पूरा मामला, कहा – हमारे बिजनेस पर कोई असर नहीं

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अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ₹7,500 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क करने की खबर है। लेकिन इस बड़ी कार्रवाई के बीच, ग्रुप ने सामने आकर एक अहम बयान दिया है और कहा है कि इससे उनकी लिस्टेड कंपनियों के काम पर कोई असर नहीं पड़ा है। तो आखिर असली कहानी क्या है? चलिए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

जिन संपत्तियों पर कार्रवाई हुई, वो अब ग्रुप का हिस्सा नहीं

ग्रुप ने साफ किया है कि ED ने जिन संपत्तियों को कुर्क किया है, उनमें से ज़्यादातर रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) की हैं। और रिलायंस कम्युनिकेशंस पिछले 6 सालों से ग्रुप का हिस्सा नहीं रही है। यह कंपनी फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया से गुज़र रही है और इसका पूरा नियंत्रण बैंकों (SBI के नेतृत्व में) और समाधान पेशेवर के हाथों में है। ED की जांच, रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा यस बैंक से लिए गए पुराने कर्ज़ से जुड़ी है।

इसीलिए ग्रुप की दो बड़ी कंपनियाँ, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर, का कहना है कि इस मामले का उनके कामकाज, प्रदर्शन या भविष्य पर कोई भी असर नहीं पड़ने वाला है।

अनिल अंबानी अब इन कंपनियों से नहीं जुड़े

कंपनियों ने अनिल अंबानी की भूमिका को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि:

  • अनिल अंबानी 6 साल पहले, 2019 में ही रिलायंस कम्युनिकेशंस से इस्तीफा दे चुके हैं।
  • वह साढ़े तीन साल से ज़्यादा समय से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर या रिलायंस पावर के बोर्ड में भी नहीं हैं।

कंपनियों ने कहा कि इन तथ्यों के बावजूद बार-बार उनका नाम इन मामलों में घसीटना अनुचित है।

"हम पर एक रुपये का भी कर्ज नहीं है"

अपनी बात को और मज़बूती देने के लिए, दोनों कंपनियों ने अपनी आर्थिक स्थिति का ब्योरा भी दिया। उन्होंने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर दोनों ही पूरी तरह से कर्ज-मुक्त हैं।

31 मार्च, 2025 तक, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्ति ₹65,840 करोड़ और रिलायंस पावर की संपत्ति ₹41,282 करोड़ थी।

SEBI में भी की शिकायत

इतना ही नहीं, दोनों कंपनियों ने बाज़ार में उनके शेयरों की कीमत में हेराफेरी के खिलाफ SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में एक औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि कुछ लोग जानबूझकर उनके शेयरों की कीमतों को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, रिलायंस ग्रुप का संदेश साफ है: ED की जांच एक पुराने मामले से जुड़ी है, जिसका संबंध एक ऐसी कंपनी (RCom) से है जो अब उनके नियंत्रण में नहीं है। उनकी मौजूदा कंपनियाँ आर्थिक रूप से मज़बूत हैं और सामान्य रूप से काम कर रही हैं।

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