सर्दियों में खाएं बाजरे की रोटी, बाबा रामदेव ने बताए रोटी के ये फायदे
बाजरा सर्दियों के आहार का बेहद फायदेमंद हिस्सा माना जाता है। बाजरा सर्दियों में शरीर को गर्म रखने और ऊर्जा प्रदान करने में कारगर है। इसीलिए आयुर्वेद भी बाजरे को स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद बताता है। गुजरात, राजस्थान समेत देश के कई ग्रामीण इलाकों में आज भी शुद्ध घी वाली बाजरे की रोटी लोकप्रिय है। लहसुन की चटनी के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। बाजरे का आटा सर्दियों का सुपरफूड है, इसलिए पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव कई बार बाजरे के फायदों पर प्रकाश डाल चुके हैं। आयुर्वेद भी कहता है कि यह शरीर को कई तरह से लाभ पहुँचाता है।
आइए आपको बताते हैं कि बाबा रामदेव के अनुसार, सर्दियों के मौसम में बाजरे की रोटी कैसे खानी चाहिए। साथ ही, इसे गलत तरीके से खाने से होने वाले संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में भी जानें।
बाजरे में मौजूद तत्व
बाजरा शरीर के लिए वरदान है क्योंकि इसमें कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, विटामिन बी1, बी2, बी3 और फोलेट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं।
बाजरा गेहूँ से बेहतर क्यों है?
ज़्यादातर भारतीय रोज़ाना गेहूँ की रोटी और चावल खाते हैं। जयपुर की आयुर्वेद विशेषज्ञ किरण गुप्ता ने बताया है कि गेहूँ की रोटी नुकसानदायक नहीं, बल्कि फ़ायदेमंद भी है। वहीं दूसरी ओर, बाजरे के आटे में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जिसकी वजह से इसे आंतों की सेहत के लिए फ़ायदेमंद माना जाता है। बाबा रामदेव के अनुसार, आइए बताते हैं कि हमें इसे कैसे खाना चाहिए।
बाबा रामदेव क्या कहते हैं?
बाबा रामदेव ने एक वीडियो में बताया कि रागी के आटे में बाजरा मिलाकर खाने से फायदे दोगुने हो जाते हैं। उनका सुझाव है कि गठिया या मोटापे से पीड़ित लोगों को बाजरा और रागी का मिश्रण खाना चाहिए। रामदेव का कहना है कि इन दोनों बाजरों को मिलाकर रोटी बनाने से वह मुलायम बनेगी। दरअसल, बाजरे और रागी के आटे से बनी रोटी बहुत सख्त होती है, लेकिन इन दोनों के आटे को मिलाकर बनाई गई रोटी मुलायम और स्वादिष्ट बनती है। बाबा रामदेव ने बताया कि रागी और बाजरे में स्टार्च कम होता है और इनमें प्राकृतिक शर्करा होती है, जो इन्हें गठिया और वजन नियंत्रण में कारगर बनाती है।
बाबा रामदेव ने रागी और बाजरे की रोटी के साथ एलोवेरा, अंकुरित मेथी के बीज और कच्ची हल्दी से बनी सब्जी खाने की सलाह दी। उन्होंने इस सब्जी को बनाने की विधि भी बताई। उनका कहना है कि आपको 200 ग्राम एलोवेरा जेल, 20 ग्राम अंकुरित मेथी के बीज और 10 ग्राम कच्ची हल्दी लेनी है। इससे सब्जी तैयार करें और बाजरे और रागी की रोटी के साथ खाएं। बाबा रामदेव का कहना है कि इस सब्जी को खाने वाले लगभग 99% लोगों में गठिया की समस्या कम हुई है।
एलोवेरा औषधि के रूप में काम करता है
वीडियो में बाबा रामदेव ने एलोवेरा को रामबाण बताया। बाबा रामदेव के अनुसार, मेक्सिको के लोग मधुमेह, गठिया और पेट की समस्याओं के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करते हैं। इस भारतीय पौधे का सदियों से औषधीय उपयोग होता आ रहा है। इसे पकाकर सब्जी के रूप में भी खाया जा सकता है। एलोवेरा के अलावा, बाबा रामदेव ने लोगों को अपने घरों में तुलसी के पौधे लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
--Advertisement--