Earthquake Alert : बंगाल की खाड़ी में 4.2 तीव्रता का झटका, जानिये क्या बोले वैज्ञानिक?
News India Live, Digital Desk : कुदरत कब अपना रुख बदल ले, कहा नहीं जा सकता। अभी हम मौसम के बदलते मिजाज की बात ही कर रहे थे कि आज एक और बड़ी खबर ने सबका ध्यान खींच लिया। Bengal Ki Khadi (Bay of Bengal) में आज धरती हिलने की खबर आई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने पुष्टि की है कि बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
जब भी भूकंप का नाम आता है, मन में एक सिहरन दौड़ जाती है। लेकिन घबराने से पहले आइये तसल्ली से जानते हैं कि आखिर हुआ क्या है और क्या यह हमारे लिए चिंता का विषय है?
कितनी तेज़ था झटका?
एनसीएस (NCS) की रिपोर्ट के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई है। विज्ञान की भाषा में कहें तो 4.2 तीव्रता का भूकंप 'मध्यम' (Moderate) श्रेणी में आता है। यह इतना तेज़ नहीं होता कि इससे इमारतें गिरें या बड़ी तबाही मचे, लेकिन यह इतना हल्का भी नहीं है कि इसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाए। यह एक चेतावनी की तरह होता है कि धरती की सतह के नीचे प्लेटों में हलचल हो रही है।
कहां था भूकंप का केंद्र?
इस भूकंप का केंद्र (Epicenter) बंगाल की खाड़ी के अंदर था। यह झटका ठीक 12:12 PM (दोपहर) के आसपास रिकॉर्ड किया गया (जैसा कि रिपोर्ट बताती है)। अच्छी खबर यह है कि चूंकि इसका केंद्र समुद्र के बीच में था और तीव्रता बहुत ज्यादा नहीं थी, इसलिए अभी तक किसी भी तटीय इलाके में नुकसान की कोई खबर नहीं है। अक्सर जब समंदर में भूकंप आता है, तो लोगों के मन में सबसे पहला सवाल यही उठता है—क्या सुनामी आएगी?
विशेषज्ञों का कहना है कि 4.2 तीव्रता का भूकंप सुनामी लाने के लिए पर्याप्त नहीं होता। सुनामी का खतरा तब होता है जब भूकंप की तीव्रता 7.0 या उससे ऊपर हो और वह उथले समुद्र में आए। इसलिए, ओडिशा, पश्चिम बंगाल या आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को फिलहाल घबराने की ज़रूरत नहीं है।
धरती बार-बार क्यों डोल रही है?
अगर आप खबरों पर नज़र रखें, तो पाएंगे कि पिछले कुछ महीनों में भारत और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप की घटनाएं थोड़ी बढ़ गई हैं। कभी दिल्ली-एनसीआर हिलता है, तो कभी पहाड़ों में झटके लगते हैं, और अब समंदर में यह हलचल। वैज्ञानिक इसे 'टेक्टोनिक प्लेट्स' के खिसकने का सामान्य प्रक्रिया मानते हैं, लेकिन यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हम प्रकृति के सामने कितने छोटे हैं।
फिलहाल प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। राहत की बात यह है कि यह झटका जान-माल के नुकसान का कारण नहीं बना। लेकिन जागरूकता ज़रूरी है। अगर आप तटीय इलाकों में रहते हैं, तो ऐसी खबरों से अपडेट रहना समझदारी है।
अंत में, यह सिर्फ़ एक भौगोलिक घटना थी जो बिना किसी नुकसान के गुज़र गई। प्रकृति ने एक बार फिर दस्तक दी है, बस हमें सतर्क रहने का इशारा करते हुए।
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