अफगानिस्तान में भूकंप का दोहरा कहर, तबाह हुए हेरात में फिर कांपी धरती
News India Live, Digital Desk : पश्चिमी अफगानिस्तान के लोग अभी ठीक से पहले भूकंप का मातम भी नहीं मना पाए थे कि एक और ज़लज़ले ने उनकी बची-खुची उम्मीदों को भी ज़मीन में मिला दिया। उसी हेरात प्रांत में 6.3 की तीव्रता का एक और शक्तिशाली भूकंप आया है, जिसने पहले से तबाह हो चुके गांवों में और विनाश ला दिया है। लोग अभी अपने खोए हुए लोगों के लिए आंसू बहा ही रहे थे कि इस दूसरे झटके ने उन्हें फिर से खुले आसमान के नीचे ला खड़ा किया है, जहाँ चारों तरफ सिर्फ खौफ और अनिश्चितता है।
पहले भूकंप ने मचाई थी भारी तबाही
कुछ ही दिन पहले आए 6.3 तीव्रता के भूकंप ने हेरात प्रांत के कई गांवों को लगभग पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। उस विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा थी और सबसे दुखद बात यह है कि जान गंवाने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की थी।हजारों घर, जो मिट्टी और कच्ची ईंटों से बने थे, पलक झपकते ही मलबे के ढेर में बदल गए। जिंदा बचे लोग किसी तरह राहत शिविरों में या खुले में रहकर अपनी ज़िंदगी बचाने की कोशिश कर रहे थे।
डर और लाचारी का माहौल
दूसरे भूकंप के बाद अब स्थिति और भी गंभीर हो गई है। जो मकान पहले भूकंप में थोड़े-बहुत बच गए थे, वे भी या तो गिर गए हैं या इतने असुरक्षित हो गए हैं कि कोई उनके पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा। बचाव और राहत का काम पहले से ही मुश्किल था, अब सड़कों के बंद होने और संचार लाइनों के टूटने से यह और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अस्पतालों में घायलों की भीड़ है और ज़रूरी दवाओं और उपकरणों की भारी कमी है। अफगानिस्तान पहले से ही एक गंभीर मानवीय संकट से गुज़र रहा है और इन भूकंपों ने हालात को बद से बदतर बना दिया है। कड़कड़ाती ठंड की शुरुआत के साथ, खुले में रह रहे लोगों के लिए बीमारियाँ एक नया खतरा बनकर सामने आ रही हैं दुनिया भर की सहायता एजेंसियां मदद पहुँचाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन तबाही इतनी बड़ी है कि हर ज़रूरतमंद तक पहुँचना एक बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
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