Durga Ashtami : आज सावन मासिक दुर्गाष्टमी, मंगलकारी योग में करें देवी की आराधना
- by Archana
- 2025-08-01 12:24:00
News India Live, Digital Desk: Durga Ashtami : सावन मासिक दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर, यहाँ प्रस्तुत है इस पवित्र दिन की महिमा और पूजा विधि का विस्तृत विवरण, विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया गया है। हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन जगत जननी माँ दुर्गा को समर्पित है और इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन के महीने में पड़ने वाली दुर्गाष्टमी का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से माँ दुर्गा की पूजा और व्रत करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है तथा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शुभ मुहूर्त और योग
इस वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 1 अगस्त 2025 को सुबह 04 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होकर 2 अगस्त 2025 को सुबह 07 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। चूँकि देवी दुर्गा की पूजा निशिता काल में करने का विधान है, इसलिए सावन मास की दुर्गा अष्टमी 1 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिनमें विजय और सिद्धि योग पूरे दिन और रात भर रहेगा। इन मंगलकारी योगों में की गई पूजा अत्यधिक फलदायी मानी जाती है।
पूजा विधि
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। माँ को लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद फल, मिठाई या खीर-पूड़ी का भोग लगाएं।घी का दीपक और धूप जलाकर माँ दुर्गा की आरती करें और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
कन्या पूजन का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। नौ कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उन्हें भोजन कराना और उपहार देने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
इस पवित्र दिन पर श्रद्धापूर्वक की गई उपासना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है।
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