बॉक्स ऑफिस की कमाई पर भरोसा न करें, अनुभव सिन्हा ने बताया फिल्मों का काला सच

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News India Live, Digital Desk: आजकल जब भी कोई बड़ी फिल्म रिलीज़ होती है, तो फिल्म कैसी है, इस पर बात बाद में होती है. पहले चर्चा शुरू हो जाती है कि फिल्म ने पहले दिन कितने कमाए? 100 करोड़ पार किए या नहीं? क्या फिल्म 1000 करोड़ के क्लब में शामिल होगी? सोशल मीडिया पर फैंस अपने पसंदीदा हीरो की कमाई के आंकड़े दिखाकर एक-दूसरे से लड़ते हैं. मानो फिल्म देखना एक अनुभव नहीं, बल्कि आंकड़ों का एक खेल बन गया हो.

लेकिन क्या ये आंकड़े, जिन पर हम इतना यकीन करते हैं, वाकई सच्चे होते हैं? 'आर्टिकल 15', 'मुल्क' और 'थप्पड़' जैसी गंभीर और सफल फिल्में बनाने वाले जाने-माने डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की मानें, तो इसका जवाब है - नहीं!

अनुभव सिन्हा ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जो बॉक्स ऑफिस के इस मायाजाल पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है. उन्होंने फैंस से साफ-साफ कहा है कि इन आंकड़ों पर ध्यान देना बंद कर दीजिए, क्योंकि ये अक्सर "झूठे" होते हैं.

"सिर्फ क्रिकेट को प्यार करो, BCCI की कमाई को नहीं!"

अनुभव सिन्हा ने अपनी बात समझाने के लिए क्रिकेट का एक बेहतरीन उदाहरण दिया. उन्होंने कहा:
"सोचिए, आप क्रिकेट के फैन हैं. आपको रोहित शर्मा की बैटिंग पसंद है, आपको बुमराह की बॉलिंग पसंद है. आप मैच का मज़ा लेते हैं, खिलाड़ियों की कला देखते हैं. लेकिन क्या आप इस बात की चिंता करते हैं कि BCCI ने इस सीरीज़ से कितने पैसे कमाए? या किसी खिलाड़ी को नीलामी में कितने करोड़ मिले? नहीं ना! आप सिर्फ खेल को प्यार करते हैं."

उनका कहना था कि फिल्मों के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए. एक सच्चे फिल्म फैन को फिल्म की कहानी, उसकी एक्टिंग, उसके संगीत और उसके संदेश पर ध्यान देना चाहिए. इस बात पर नहीं कि प्रोड्यूसर ने कितने करोड़ छापे. उन्होंने कहा कि यह फिल्म बनाने वालों का काम है कि वे अपनी फिल्म की कमाई की फिक्र करें, फैंस का नहीं.

क्यों कहा कि आंकड़े हैं झूठे?

यह उनके बयान का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा था. अनुभव सिन्हा ने साफ कहा कि जो बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के नंबर आप तक पहुंचते हैं, उनमें से ज़्यादातर पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने दावा किया कि ये अक्सर "बनाए जाते हैं" या उनमें हेरा-फेरी की जाती है ताकि फिल्म को ज़बरदस्ती हिट दिखाया जा सके. यह एक बड़ा आरोप है, जो फिल्म इंडस्ट्री के अंदर की उस दौड़ पर सवाल उठाता है, जहां हर कोई खुद को सबसे बड़ा साबित करना चाहता है.

तो फिर एक 'हिट' फिल्म का असली मतलब क्या है?

अनुभव सिन्हा के लिए, एक फिल्म का हिट होना करोड़ों की कमाई से नहीं, बल्कि उसके असर से नापा जाता है. उन्होंने कहा, "मेरे लिए एक फिल्म तब कामयाब होती है जब मैं उसे बनाकर गर्व महसूस करूं, जब वो अपने दर्शकों से जुड़ सके, भले ही वो कम क्यों न हों." वह अपनी फिल्मों से खुश हैं और यह मानते हैं कि उन्होंने एक ऐसी ऑडियंस बनाई है जो उनके काम को समझती है और सराहती है.

उनका यह बयान सिर्फ एक डायरेक्टर की राय नहीं, बल्कि उन लाखों फिल्म फैंस के लिए एक सोच है जो अनजाने में इस नंबर्स की दौड़ में शामिल हो जाते हैं. शायद अब वक्त आ गया है कि हम फिल्मों को उनकी कमाई से नहीं, बल्कि उनकी कहानी और उनकी कला से पहचानें.

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