IPhone 17 लेकर ये गलती मत करना 50 रुपये का टेम्पर्ड ग्लास आपके 1.5 लाख के फोन को कर देगा बेकार

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News India Live, Digital Desk : हम भारतीयों की एक आदत बहुत पक्की है। जैसे ही हम नया स्मार्टफोन खरीदते हैं, बॉक्स से निकालते ही सबसे पहला काम क्या करते हैं? जी हाँ, सीधा दुकान पर जाकर उस पर 'टेम्पर्ड ग्लास' (Screen Guard) और एक कवर लगवाते हैं। हमें लगता है कि इससे हमारा फोन सुरक्षित रहेगा। यह आदत बुरी नहीं है, लेकिन आने वाले iPhone 17 के मामले में यह आदत आपका बड़ा नुकसान करवा सकती है।

सुनने में अजीब लग रहा है न? कि भला सुरक्षा से नुकसान कैसे हो सकता है? लेकिन Apple की अगली सीरीज़ (iPhone 17) को लेकर जो ख़बरें आ रही हैं, वो यही इशारा कर रही हैं। चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि पूरा माजरा क्या है।

क्या ख़ास है iPhone 17 की स्क्रीन में?
लीक्स और रिपोर्ट्स की मानें तो iPhone 17 में Apple एक बहुत ही जबरदस्त "सुपर-हार्ड एंटी-रिफ्लेक्टिव डिस्प्ले" (Super-Hard Anti-Reflective Display) लाने वाला है। आसान शब्दों में समझें तो यह एक ऐसी स्क्रीन होगी जो न केवल खरोंचों (Scratches) से बचेगी, बल्कि इस पर रिफ्लेक्शन (परछाई या चमक) नहीं पड़ेगी।

यानी, अगर आप कड़क धूप में भी फोन चलाएंगे, तो आपको अपना चेहरा शीशे की तरह नहीं दिखेगा, बल्कि स्क्रीन साफ़-साफ़ दिखेगी। (जैसा सैमसंग के S24 Ultra में देखा गया है)।

समस्या क्या है?
समस्या फोन में नहीं, हमारी आदत में है। मान लीजिये, Apple ने आपसे हज़ारों रुपये एक्स्ट्रा लिए आपको यह 'एंटी-रिफ्लेक्टिव' स्क्रीन देने के लिए। लेकिन फोन हाथ में आते ही आपने क्या किया? आपने बाज़ार से 100-200 रुपये वाला चमकीला 'टेम्पर्ड ग्लास' खरीदकर उस पर चिपका दिया।

बस यहीं हो गई गड़बड़!
जैसे ही आप वो आम ग्लास स्क्रीन पर लगाते हैं, तो नीचे की जो 'एंटी-रिफ्लेक्टिव' कोटिंग है, वो दब जाती है। और ऊपर वाला ग्लास तो रिफ्लेक्टिव होता ही है (क्योंकि वो सस्ता कांच है)। नतीजा यह होता है कि Apple ने जो चकाचौंध (Glare) कम करने की टेक्नोलॉजी दी थी, वो बेकार हो जाती है। आपने पैसे दिए 'मैजिक' के, लेकिन अपनी सुरक्षा की चिंता में उसे साधारण बना दिया।

तो क्या स्क्रीन खुली छोड़ दें?
यह सवाल जायज़ है। टूट-फूट का डर तो सबको रहता है।

  1. टेक्नोलॉजी पर भरोसा: नई स्क्रीन्स (जैसे सेरेमिक शील्ड) अब पहले से बहुत ज्यादा मजबूत और स्क्रैच-प्रूफ होती हैं। चाबियों या सिक्कों से अब उतनी आसानी से निशान नहीं पड़ते। तो बिना गार्ड के इस्तेमाल करना अब उतना रिस्की नहीं है जितना 5 साल पहले था।
  2. सही ग्लास चुनें: अगर दिल नहीं मानता और ग्लास लगाना ही है, तो आपको सस्ता ग्लास नहीं, बल्कि खास AR (Anti-Reflective) स्क्रीन प्रोटेक्टर ही लगवाना चाहिए। ये थोड़े महँगे होते हैं, लेकिन ये उस फीचर को बर्बाद नहीं होने देते जिसके लिए आपने इतने पैसे खर्च किए हैं।

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