भूलकर भी न करें ये 3 गलतियां 16 दिसंबर से लग गया है मलमास, भारी पड़ सकती है लापरवाही

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News India Live, Digital Desk : पिछले कुछ दिनों से हम देख रहे थे कि हर तरफ शादियों की धूम थी। डीजे का शोर और बारात की रोनक। लेकिन आज, 16 दिसंबर 2025 से सब कुछ थोड़ा शांत हो जाएगा।

दरअसल, जब सूर्य देव अपने गुरु यानी 'बृहस्पति' (Jupiter) की राशि 'धनु' (Sagittarius) में प्रवेश करते हैं, तो उस समय को खरमास कहा जाता है। धर्म और ज्योतिष में माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की चाल थोड़ी धीमी पड़ जाती है और शुभ कार्य सफल नहीं होते।

कब से कब तक रहेगा खरमास?
कैलेंडर में तारीख नोट कर लीजिये। खरमास की शुरुआत आज, 16 दिसंबर 2025 से हो चुकी है और यह नए साल में 14 जनवरी 2026 तक चलेगा। यानी जब मकर संक्रांति आएगी और सूर्य देव मकर राशि में जाएंगे, तभी यह महीना खत्म होगा और फिर से शुभ काम शुरू होंगे।

इस महीने में क्या "बिल्कुल नहीं" करना है?
अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं, तो चलिए क्लियर कर देते हैं:

  1. शादी-विवाह: सगाई, शादी या कोई भी रिश्ता पक्का करने की रस्में इस एक महीने में न करें तो बेहतर है।
  2. नया निर्माण: अगर आप नया घर बना रहे हैं, तो 'गृह प्रवेश' या नींव रखने का काम मकर संक्रांति तक टाल दें।
  3. मुंडन और जनेऊ: बच्चों का मुंडन या जनेऊ संस्कार जैसे संस्कार भी वर्जित माने जाते हैं।
  4. नयी खरीदारी: धार्मिक मान्यता कहती है कि नई प्रॉपर्टी या गाड़ी खरीदने से बचना चाहिए। हालांकि, रोजमर्रा की चीजें खरीदने में कोई दिक्कत नहीं है।

तो फिर इस महीने में "क्या" करना चाहिए?
खरमास को भले ही शुभ कार्यों के लिए मना किया गया हो, लेकिन पूजा-पाठ के लिए यह महीना 'पावरफुल' होता है। इसे दान और भक्ति का महीना माना जाता है।

  • सूर्य को जल: रोज सुबह तांबे के लोटे में पानी, थोड़ा सा गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे हेल्थ और कॉन्फिडेंस दोनों बढ़ता है।
  • विष्णु पूजा: कहते हैं खरमास भगवान विष्णु का महीना है। इस दौरान 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना बहुत फलदाई होता है।
  • दान: इस ठंड के मौसम में अगर आप किसी जरूरतमंद को गर्म कपड़े या अनाज दान करते हैं, तो उसका पुण्य कई गुना ज्यादा मिलता है।

परेशान न हों...
खरमास कोई डरावनी चीज नहीं है। यह कुदरत का एक चक्र है जो हमें सिखाता है कि हमेशा जश्न मनाने का वक्त नहीं होता, कभी-कभी रुककर ईश्वर का ध्यान करना भी जरूरी है। तो बस, 14 जनवरी तक सब्र रखिये, उसके बाद फिर से खुशियों का मेला लगेगा!

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