आईवीएफ से पहले ये छोटा सा काम करने से बढ़ जाएगी गर्भवती होने की संभावना: माता-पिता बनने का आपका सपना होगा साकार

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आईवीएफ उपचार:  आईवीएफ उन महिलाओं के लिए वरदान है जो माँ बनने के लिए संघर्ष कर रही हैं। जैसे-जैसे चिकित्सा तकनीक में सुधार हो रहा है, आईवीएफ की सफलता दर भी बढ़ रही है। आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुड़गांव में आईवीएफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की प्रमुख और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पारुल प्रकाश कहती हैं कि आईवीएफ की सफलता में आपकी जीवनशैली का भी बहुत योगदान होता है। अगर आप आईवीएफ की ओर कदम बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं, तो अपनी आदतों में कुछ बदलाव ज़रूरी हैं।

अपने आहार और वजन पर नज़र रखें।

आईवीएफ कराने का फैसला लेते ही आपको अपने आहार में ज़रूरी बदलाव करने चाहिए । फल, सब्ज़ियाँ, स्वस्थ वसा और साबुत अनाज को अपने आहार का हिस्सा बनाएँ। ये हार्मोन संतुलन, अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार और अच्छी सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं। फोलिक एसिड, ज़िंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोतों को अपने आहार का हिस्सा बनाएँ। साथ ही, अपने वज़न को भी नियंत्रित रखें। ज़्यादा वज़न आईवीएफ के दौरान समस्याएँ पैदा कर सकता है।

व्यायाम और भरपूर नींद आवश्यक है

आईवीएफ की सफलता के लिए नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद बेहद ज़रूरी है। अगर आपको कोई समस्या नहीं है, तो नियमित रूप से कुछ शारीरिक गतिविधियाँ करें। इनमें पैदल चलना, तैरना और साइकिल चलाना जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। बहुत ज़्यादा ज़ोरदार व्यायाम करने की ज़रूरत नहीं है। इससे आपको नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, 7 से 9 घंटे की नींद ज़रूर लें। पर्याप्त नींद शरीर को स्वस्थ रखने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।

तनाव और नशे से दूर रहें

तनाव आईवीएफ का सबसे बड़ा दुश्मन है। शरीर में तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ने से कई अनियमितताएँ पैदा होती हैं, जिससे आईवीएफ प्रक्रिया मुश्किल हो जाती है। इसलिए किसी भी तरह का तनाव लेने से बचें। आप जितना तनावमुक्त रहेंगे, उतने ही बेहतर परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं। इसी तरह, सिगरेट और शराब का सेवन भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। धूम्रपान और शराब का सेवन प्रजनन क्षमता को कम करता है, जिससे आईवीएफ प्रक्रिया विफल हो सकती है । शराब का सेवन भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।

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