रक्षाबंधन पर बहन को भूलकर भी न दें ये उपहार, वरना राहु का असर आपके धन और तरक्की पर पड़ेगा

Post

दुर्भाग्य उपहार: रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के स्नेह और अटूट बंधन का प्रतीक है। यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। 

हालाँकि, रक्षाबंधन जैसे शुभ अवसर पर कुछ चीज़ें उपहार में नहीं देनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, ये चीज़ें अशुभ या नकारात्मक ऊर्जा का संकेत मानी जाती हैं। आइए जानते हैं कि रक्षाबंधन पर किन चीज़ों को उपहार में नहीं देना चाहिए।

काले कपड़े या वस्तुएँ

हिंदू परंपराओं में, काले रंग को अक्सर नकारात्मकता और अशुभता का प्रतीक माना जाता है। त्योहारों और शुभ अवसरों पर, खासकर इस रंग से बचने की सलाह दी जाती है। रक्षाबंधन के अवसर पर, अपनी बहन को काले कपड़े या अन्य वस्तुओं के बजाय सफेद या चमकीले रंग के कपड़े या अन्य वस्तुएँ उपहार में देना अधिक शुभ माना जाता है।

इत्र

हालाँकि इत्र खुशबू का प्रतीक है, लेकिन कुछ मान्यताएँ इसे उपहार के रूप में देना उचित नहीं मानतीं। ऐसा माना जाता है कि कुछ सुगंधें नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी हो सकती हैं, जिनका स्वास्थ्य या रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए रक्षाबंधन पर इत्र उपहार में देने से बचना ही बेहतर है।

कांच के बने पदार्थ

कांच एक नाजुक और आसानी से टूटने वाली वस्तु मानी जाती है। यह अस्थिरता और कमजोरी का प्रतीक है। भाई-बहन के रिश्ते को मज़बूत और स्थायी बनाए रखने के लिए, रक्षाबंधन पर कांच की चीज़ें उपहार में देने से बचना चाहिए।

घड़ी

वैदिक ज्योतिष में घड़ी को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है। कुछ परंपराओं में, ऐसा माना जाता है कि उपहार में घड़ी देना रिश्तों में समय की उल्टी गिनती या दूरियों का संकेत हो सकता है। यह भी कहा जाता है कि टूटी हुई घड़ी रिश्तों में रुकावटें पैदा कर सकती है। इसलिए, इस अवसर पर घड़ी की बजाय अन्य प्रकार के उपहार देना शुभ होता है।

--Advertisement--

--Advertisement--