Development Amidst challenges: हेमंत सोरेन का केंद्र से आग्रह 13,000 करोड़ का पैकेज दे बदले झारखंड की तस्वीर

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News India Live, Digital Desk:Development Amidst challenges:  झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर एक महत्वपूर्ण आग्रह किया है। उन्होंने झारखंड राज्य के लिए कुल 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए एक विशेष केंद्रीय सहायता पैकेज की मांग की है। इस बैठक में सोरेन ने गृह मंत्री के सामने अपने राज्य की वर्तमान चुनौतियों और आवश्यकताओं को प्रमुखता से रखा, खासकर राज्य की खनिज संपदा पर केंद्र सरकार को मिलने वाले भारी राजस्व के बावजूद, झारखंड के सामने खड़ी समस्याओं को उजागर किया।

सोरेन का कहना था कि देश की सबसे बड़ी खदानों से केंद्र सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है, फिर भी खनिज संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद झारखंड का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। उनके मुताबिक, इसका एक बड़ा कारण नक्सलवाद भी रहा है, जिससे निपटने में राज्य को बड़ी वित्तीय और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इस नक्सल समस्या से राज्य की सुरक्षा और विकास दोनों प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से यह आग्रह भी किया कि जिन क्षेत्रों में नक्सली समस्या प्रभावी थी, उन क्षेत्रों को चिन्हित कर केंद्र सरकार उन्हें प्राथमिकता दे और विकास के लिए विशेष उपाय करे।

इस पैकेज की मांग का उद्देश्य न केवल राज्य की विकास गति को तेज करना है, बल्कि आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास लाने और बुनियादी ढाँचे में सुधार करने के लिए भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय मदद से ही झारखंड राज्य की सही तस्वीर बदल सकती है और यहाँ के लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड केंद्र सरकार की कई प्रमुख योजनाओं को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, और ऐसे में केंद्र को राज्य की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

इस 13,000 करोड़ रुपये के विशेष केंद्रीय सहायता पैकेज में विभिन्न विकास परियोजनाओं, बुनियादी ढाँचे के निर्माण, सामाजिक कल्याण योजनाओं, और सुरक्षा उपायों के लिए धन शामिल होने की संभावना है। मुख्यमंत्री की यह मांग एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है, जो संघीय ढांचे में राज्यों के विकास के लिए केंद्र पर उनकी निर्भरता और केंद्र-राज्य संबंधों को दर्शाती है। अब देखना होगा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मांग पर क्या कदम उठाता है और झारखंड को कितना समर्थन मिलता है।.

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