Dengue Prevention Tips : वो हड्डी तोड़ बुखार जो हल्की सी लापरवाही से बन सकता है जानलेवा

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News India Live, Digital Desk : Dengue Prevention Tips :  बारिश का मौसम आते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है और साथ ही बढ़ जाता है एक ऐसी बीमारी का खतरा, जिसे 'हड्डी तोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है- यानी डेंगू. यह एक आम वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. ये मच्छर दिन के समय ज़्यादा सक्रिय होते हैं और साफ़, ठहरे हुए पानी में पनपते हैं.

अक्सर लोग डेंगू को मामूली वायरल बुखार समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन सही समय पर इसकी पहचान और इलाज न किया जाए तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

कैसे पहचानें यह डेंगू है या मामूली बुखार?

डेंगू के लक्षण संक्रमण के 4 से 10 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं. इसे साधारण बुखार समझने की गलती न करें, इसके लक्षणों पर ध्यान दें:

  • तेज़ बुखार: अचानक 102 से 104 डिग्री फ़ारेनहाइट तक का तेज़ बुखार आना.
  • असहनीय दर्द: मांसपेशियों और जोड़ों में बहुत तेज़ दर्द होता है, इतना कि हड्डियां टूटने जैसा महसूस होता है. इसी वजह से इसे 'ब्रेक-बोन फीवर' भी कहते हैं.
  • सिर और आंखों में दर्द: सिर में, खासकर आंखों के पिछले हिस्से में तेज़ दर्द होना इसका एक ख़ास लक्षण है.
  • जी मिचलाना और उल्टी: मरीज़ को उल्टी या मतली महसूस हो सकती है.
  • स्किन पर रैशेज: बुखार आने के कुछ दिनों बाद शरीर पर लाल चकत्ते या दाने दिखाई दे सकते हैं.
  • बहुत ज़्यादा थकान: शरीर में बहुत ज़्यादा कमज़ोरी महसूस होती है.

कब हो जाएं सावधान? जब डेंगू बनता है खतरनाक

ज़्यादातर मामलों में डेंगू एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप ले सकता है, जिसे डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) कहते हैं. अगर नीचे दिए गए लक्षण दिखें तो मरीज़ को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए:

  • प्लेटलेट्स का तेज़ी से गिरना: यह डेंगू का सबसे बड़ा खतरा है.
  • नकसीर या मसूड़ों से खून आना: शरीर में कहीं से भी खून का रिसाव होना.
  • पेट में तेज़ दर्द और लगातार उल्टियां होना.
  • सांस लेने में तकलीफ़ होना.
  • त्वचा के नीचे खून के धब्बे दिखना, जो चोट जैसे लग सकते हैं.

डेंगू से कैसे लड़ें? इलाज और बचाव

डेंगू का कोई स्पेसिफिक एंटी-वायरल इलाज नहीं है, इसलिए इसका प्रबंधन लक्षणों को कम करके और मरीज़ की देखभाल करके किया जाता है.

घर पर क्या करें:

  1. शरीर में पानी की कमी न होने दें: डेंगू में सबसे ज़रूरी है शरीर को हाइड्रेट रखना. मरीज़ को लगातार पानी, नारियल पानी, जूस, सूप और ओआरएस (ORS) का घोल पिलाते रहें.
  2. पूरी तरह से आराम: मरीज़ को जितना हो सके आराम करना चाहिए ताकि शरीर की इम्युनिटी वायरस से लड़ सके.
  3. प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले आहार: डाइट में पपीते के पत्ते का रस, कीवी, अनार, चुकंदर और विटामिन सी से भरपूर फल (जैसे संतरा, आंवला) शामिल करें. ये चीज़ें प्लेटलेट काउंट को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में मदद करती हैं.
  4. डॉक्टर की सलाह मानें: बुखार उतारने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई पैरासिटामोल जैसी दवाएं ही लें. एस्पिरिन या अन्य दर्द निवारक दवाएं लेने से बचें, क्योंकि ये ब्लीडिंग का खतरा बढ़ा सकती हैं.

बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है:

  • पानी जमा न होने दें: अपने घर के अंदर और आसपास कूलर, गमलों, पुराने टायरों या किसी भी ऐसी जगह पर पानी जमा न होने दें.
  • मच्छरों से खुद को बचाएं: पूरी बाजू के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन का प्रयोग करें.
  • जागरूक रहें: अगर आपको या आपके आसपास किसी को डेंगू के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड टेस्ट (Dengue NS1 Antigen) करवाएं.

सावधानी और सही जानकारी से आप न केवल खुद को बल्कि अपने पूरे परिवार को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकते हैं.

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