सावधान दिल्ली! दिवाली की ख़ुशी में घुल रहा है ज़हर, आपकी एक गलती पड़ सकती है भारी
Delhi pollution level today : दिवाली की तैयारियां तो ज़ोरों पर हैं-घर सज रहे हैं, मिठाइयां बन रही हैं और दिलों में ख़ुशियाँ हैं। लेकिन दिल्ली की हवा में इस वक़्त ख़ुशी की नहीं, बल्कि ज़हर की मिलावट हो रही है। यह लगातार छठा दिन है, जब दिल्ली की हवा 'ख़राब' बनी हुई है, और त्योहार की रात आने से पहले ही हालात इतने बिगड़ गए हैं कि यह जश्न हमारी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आँकड़े डराने वाले हैं। रविवार की सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 274 था, जिसे 'ख़राब' माना जाता है। लेकिन यह तो सिर्फ़ औसत है! शहर के कई इलाक़े तो मानो 'गैस चैंबर' में बदल चुके हैं।
- आनंद विहार में तो AQI 426 पर पहुँच गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह हवा सीधे फेफड़ों पर हमला करती है और बच्चों, बुज़ुर्गों या साँस की बीमारी वाले लोगों के लिए बेहद ख़तरनाक है।
यह आग सिर्फ़ दिल्ली तक सीमित नहीं
अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ़ दिल्ली का ही यह हाल है, तो आप ग़लत हैं। NCR के शहर भी दम घोंटू हवा की चपेट में हैं:
- नोएडा और गुरुग्राम में AQI 342 पर है, जो 'बहुत ख़राब' है।
- ग़ाज़ियाबाद का लोनी इलाक़ा भी 341 के AQI के साथ साँस लेने के लिए संघर्ष कर रहा है।
अचानक इतना ज़हर आया कहाँ से?
इस वक़्त दिल्ली के आसमान में जो धुंध की चादर है, उसके तीन बड़े गुनहगार हैं:
- गाड़ियों का धुआँ: इस समय प्रदूषण में सबसे बड़ा हिस्सा (क़रीब 16%) गाड़ियों से निकलने वाले धुएँ का है।
- आने वाले पटाखे: दिवाली पर जलाए जाने वाले पटाखे इस हवा को और भी जानलेवा बना देंगे।
- पराली का धुआँ: आस-पास के राज्यों से आ रहा पराली का धुआँ इस ज़हर को और भी गाढ़ा कर रहा है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ये तीनों 'खलनायक' मिलकर आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा को 'गंभीर' श्रेणी में पहुँचा सकते हैं।
डॉक्टर और अधिकारी, सब एक ही बात कह रहे हैं-घर से बाहर कम-से-कम निकलें, और अगर निकलना भी पड़े, तो मास्क ज़रूर पहनें। और सबसे बड़ी अपील यही है कि इस दिवाली पटाखे न जलाएँ, ताकि दिवाली की रोशनी, सेहत के अँधेरे में न बदल जाए।
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