दिल्ली बनी 'गैस चैंबर'! हवा हुई 'गंभीर', AQI 400 पार, जानें आज आपके इलाके में सांस लेना कितना खतरनाक
सोमवार, 10 नवंबर 2025 की सुबह दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए सांसों पर संकट लेकर आई। पूरी राजधानी घने, जहरीले स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आई, और हालात इतने बिगड़ गए कि ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI सुबह 7 बजे 372 ('बहुत खराब') दर्ज किया गया, लेकिन यह आंकड़ा असलियत से कोसों दूर है, क्योंकि शहर के कई हिस्से 'रेड जोन' में जा चुके हैं।
बवाना में हवा सबसे जहरीली, सांस लेना मतलब जहर!
दिल्ली में आज प्रदूषण का एपिसेंटर बवाना इलाका रहा, जहां सुबह 7 बजे AQI 412 के खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया। यह 'गंभीर' श्रेणी है, जिसमें स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके बाद वजीरपुर (397) और जहांगीरपुरी (394) भी 'गंभीर' श्रेणी के बेहद करीब रहे।
ये हैं दिल्ली के 10 सबसे प्रदूषित इलाके (सुबह 7 बजे के आंकड़े):
- बवाना: 412 (गंभीर)
- वजीरपुर: 397
- जहांगीरपुरी: 394
- रोहिणी: 390
- बुराड़ी क्रॉसिंग: 389
- नेहरू नगर: 386
- आनंद विहार: 379
- मुंडका: 378
- ITO: 378
- पटपड़गंज: 376
इंडिया गेट पर फूटा लोगों का गुस्सा
दिल्ली में लगभग एक महीने से जारी इस 'एयर इमरजेंसी' से तंग आकर रविवार को सैकड़ों लोग इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। पर्यावरण प्रेमियों, आम नागरिकों और विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब दिल्ली के कई इलाके 'ग'भीर' श्रेणी में हैं, तो सरकार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के सबसे कड़े उपायों (GRAP-III/IV) को लागू क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त और असरदार नीतियां बनाने की मांग की।
क्या होता है AQI का मतलब?
- 0–50: अच्छा
- 51–100: संतोषजनक
- 101–200: मध्यम
- 201–300: खराब
- 301–400: बहुत खराब
- 401–500: गंभीर
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