Delhi Air Pollution : दिल्ली बनी गैस चेंबर सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI का लेवल देखकर डरे लोग
News India Live, Digital Desk: दिल्ली की हवा एक बार फिर से बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। ताजा रिपोर्ट्स बताती हैं कि शहर का Air Quality Index (AQI) खतरे के निशान को छू रहा है, और यह 399 के आसपास मंडरा रहा है। आम भाषा में कहें तो, यह वो स्तर है जहां एक स्वस्थ इंसान भी बीमार पड़ सकता है।
सिर्फ धुंध नहीं, यह 'केमिकल' वाली हवा है
जब हम सुबह उठकर बाहर देखते हैं, तो आसमान साफ दिखने के बजाय एक मटमैली चादर से ढका हुआ लगता है। इसे 'Toxic Smog' कहा जा रहा है। हालत यह है कि शहर के कई इलाकों में विजिबिलिटी (दृश्यता) इतनी कम हो गई है कि गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में भारीपन महसूस हो रहा है।
यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं; यह एक चेतावनी है। 300 से 400 के बीच का AQI 'बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में आता है और 400 पार होते ही यह 'गंभीर' (Severe) हो जाता है। दिल्ली के कई हॉटस्पॉट्स पर हालात ऐसे हैं कि प्रदूषण मापने वाली मशीनें भी लाल रंग दिखा रही हैं।
क्यों हो रही है इतनी खराब हालत?
नवंबर का महीना आते ही दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और गिरता तापमान प्रदूषण के लिए एक जाल बन जाता है। हवा की रफ्तार कम हो जाती है, जिससे गाड़ियों का धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और आसपास के राज्यों से आने वाला पराली का धुआं—सब मिलकर एक ही जगह जमा हो जाते हैं। यह प्रदूषण कहीं जा नहीं पाता और हम इसी हवा में सांस लेने को मजबूर हो जाते हैं।
डॉक्टरों की सलाह: लापरवाही न बरतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा जोखिम भरा है।
- कोशिश करें कि सुबह की सैर (Morning Walk) कुछ दिनों के लिए टाल दें।
- बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें।
- घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें ताकि बाहरी धूल कम अंदर आए।
- सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रदूषण का यह स्तर हमें यह याद दिलाता है कि पर्यावरण के साथ हमने जो खिलवाड़ किया है, उसकी कीमत हमें अपनी सेहत से चुकानी पड़ रही है। अभी हालात सुधरने में थोड़ा वक्त लग सकता है, इसलिए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखें।
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