
मस्तिष्क के लिए विटामिन का महत्व: शरीर में सभी विटामिन और खनिजों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। किसी भी एक विटामिन की कमी से समग्र स्वास्थ्य प्रभावित होता है। यदि इस विटामिन की कमी हो जाए तो इसका असर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर पड़ने लगता है। इसके साथ ही कुछ नई बीमारियाँ भी सामने आने लगी हैं।
शरीर की तरह मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए भी विटामिन की आवश्यकता होती है। मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए कई विटामिन आवश्यक हैं, लेकिन उनमें से सबसे महत्वपूर्ण विटामिन बी12 है। इस विटामिन की कमी से शरीर में कई खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं। विटामिन बी12 की कमी से तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब शरीर में इस विटामिन की मात्रा कम हो जाती है, तो लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने लगती है। ऐसी स्थिति में उम्र बढ़ने के साथ स्मृति हानि और मनोभ्रंश का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन बी12 की कमी से हड्डियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है। ऐसे लोगों में एनीमिया की समस्या भी बढ़ जाती है। इसलिए विटामिन बी12 की कमी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
विटामिन बी12 की कमी मस्तिष्क को कैसे प्रभावित करती है?
मानसिक समस्याएं: विटामिन बी12 का मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इसकी कमी से स्मृति हानि और भ्रम का खतरा बढ़ जाता है। लोग अक्सर इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन लंबे समय तक विटामिन बी12 की कमी रहना अच्छा नहीं है। ऐसे समय में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
तंत्रिका तंत्र को नुकसान:- जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है तो तंत्रिका तंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में रक्त संचार प्रभावित होता है और शरीर के हर हिस्से तक रक्त पहुंचना मुश्किल हो जाता है। लम्बे समय तक विटामिन बी12 की कमी से तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है। इसके कारण आपको जीवन भर इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
डिमेंशिया: विटामिन बी12 की कमी को डिमेंशिया का मुख्य कारण माना जाता है, जो स्मृति हानि के लिए जिम्मेदार रोग है। यदि शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाए तो इसका मस्तिष्क पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इससे कई प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। डिमेंशिया भी एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है।