Debate on Decent Behaviour in Parliament: बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने क्यों लगाई फटकार

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News India Live, Digital Desk: Debate on Decent Behaviour in Parliament:  बिहार विधानसभा में अक्सर हंगामेदार और नाटकीय दृश्य देखने को मिलते हैं, जिससे सदन की मर्यादा पर सवाल उठते रहते हैं। हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्षी विधायकों को उनके व्यवहार के लिए कड़ी फटकार लगाई और उनसे अपील की कि वे सदन की गरिमा बनाए रखें, खासकर यह सोचते हुए कि "बच्चे क्या सोचेंगे?" उनकी यह टिप्पणी विपक्ष के लगातार शोरगुल और व्यवधान के बाद आई।

दरअसल, विधानसभा के सत्र के दौरान, विपक्ष के विधायक अक्सर विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारे लगाने, सदन के वेल में आने और कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास करते हैं। नंद किशोर यादव ने पहले भी विधायकों से बार-बार सदन के नियमों का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने का आग्रह किया है।

जब हंगामा एक सीमा से बाहर हो गया, तब अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कड़े शब्दों में कहा कि विधायक, खासकर विपक्ष के सदस्य, यह भूल जाते हैं कि उनकी गतिविधियों को न केवल वयस्क नागरिक बल्कि छोटे बच्चे भी देखते हैं। उन्होंने विधायकों को याद दिलाया कि वे लोकतंत्र के मंदिर में हैं और उनके व्यवहार से बच्चों और आने वाली पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर विधायक ही सदन में अराजकता पैदा करेंगे तो हम बच्चों को क्या आदर्श देंगे और वे हमसे क्या सीख पाएंगे।

उनकी इस नसीहत का मकसद था कि विधायक अपने आचरण में संयम बरतें और महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस में हिस्सा लें, न कि सिर्फ शोरगुल कर कार्यवाही बाधित करें। नंद किशोर यादव, जो स्वयं एक अनुभवी नेता हैं, हमेशा से सदन के नियमों और परंपराओं का पालन सुनिश्चित करने के पक्षधर रहे हैं।

यह घटना न केवल बिहार विधानसभा में हुई है, बल्कि पूरे भारत में विधानसभाओं और संसद में अक्सर हंगामे और अशालीन व्यवहार के मुद्दे उठते रहे हैं। अध्यक्ष की यह टिप्पणी सांसदों और विधायकों से एक महत्वपूर्ण नैतिक अपील है कि वे सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका की गंभीरता को समझें और लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच पर एक सकारात्मक और अनुकरणीय व्यवहार प्रस्तुत करें।

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