Data analysis : बिहार में बढ़ी बेरोजगारी इसलिए अपराध बढ़ा ADG कुंदन कृष्णन का बड़ा खुलासा
- by Archana
- 2025-07-17 16:40:00
News India Live, Digital Desk: बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने राज्य में अपराध के पैटर्न को लेकर एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनके अनुसार, बिहार में अपराध के आंकड़ों में मई और जून के महीनों में अक्सर इजाफा देखने को मिलता है। इस वृद्धि के पीछे उन्होंने सीधे तौर पर कृषि श्रमिकों और किसानों की बेरोजगारी को मुख्य वजह बताया है।
कुंदन कृष्णन ने यह बात पुलिस मुख्यालय में पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) की एक महत्वपूर्ण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने समझाया कि आमतौर पर, जब कृषि कार्य पूरे हो जाते हैं और कटाई के बाद किसानों और कृषि श्रमिकों के पास कोई खास काम नहीं होता, तब वे खाली बैठते हैं। यह खालीपन कई बार उन्हें गलत रास्ते पर ले जाता है और कुछ आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। उनके विश्लेषण के अनुसार, यही वजह है कि मई और जून का महीना राज्य में आपराधिक घटनाओं के लिहाज से अपेक्षाकृत ज़्यादा संवेदनशील हो जाता है।
डीजीपी ने भी कुंदन कृष्णन के इस बयान को अप्रत्यक्ष रूप से पुष्ट करते हुए कहा कि, आपराधिक घटनाओं के विश्लेषण से यह बात सामने आती है कि अपराधी भी बिहार से ही निकल रहे हैं और कई बार आपराधिक मामलों में उनकी पहचान एक आम नागरिक, यानी किसानों या कृषि मजदूरों के रूप में ही सामने आती है। इसका मतलब है कि अपराधी कहीं बाहर से नहीं आ रहे, बल्कि वे समाज के उन्हीं हिस्सों से हैं जो संभवतः आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं या खाली समय में गलत संगति में पड़ जाते हैं।
एडीजी ने अधिकारियों को इन मौसमी अपराधों से निपटने के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसी गतिविधियों और इन दिनों को चिन्हित करना चाहिए, जब लोगों के पास काम नहीं होता और उन पर विशेष नज़र रखनी चाहिए। उनका मानना है कि इस तरह की प्रवृत्ति को समझने और उसी के अनुसार रणनीति बनाने से अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपराधियों पर लगातार नज़र रखना बेहद ज़रूरी है, खास कर ऐसे समय में जब मौसमी बेरोजगारी के कारण क्राइम बढ़ने की आशंका रहती है। यह बिहार में अपराध नियंत्रण के लिए एक नया और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं को जोड़ने वाला नज़रिया है।
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