Dangerous movement of planets: 28 जुलाई तक शनि-मंगल के अंगारक योग से रहें सावधान ऐसे करें बचाव
News India Live, Digital Desk: Dangerous movement of planets: वैदिक ज्योतिष में ग्रह-नक्षत्रों की चाल और उनकी स्थितियाँ मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं। आजकल एक ऐसी ही महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित हो रही है जब न्याय के देवता शनि और साहस के प्रतीक मंगल एक-दूसरे से समसप्तक सातवें भाव में होकर आमने-सामने हैं। इस युति को ज्योतिष में "अंगारक योग" या "समसप्तक योग" के नाम से जाना जाता है, जिसे आमतौर पर एक बेहद अशुभ और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। लगभग 28 जुलाई तक सक्रिय रहने वाली यह स्थिति कई राशियों के लिए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में मुश्किलें बढ़ा सकती है।
इस प्रतिकूल योग का सबसे पहला असर व्यक्तिगत स्वभाव और संबंधों पर देखा जाता है। मंगल जहां ऊर्जा, आक्रामकता और उत्साह का कारक है, वहीं शनि धैर्य, अनुशासन और कर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब ये दोनों ग्रह आमने-सामने आते हैं, तो व्यक्ति के भीतर क्रोध और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। लोगों के बीच मनमुटाव, वाद-विवाद और अनावश्यक तकरार बढ़ने की प्रबल संभावना रहती है। वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों में तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि लोग अपनी बात मनवाने के लिए अड़ियल रुख अपना सकते हैं। इस दौरान आवेग में आकर लिए गए निर्णय बाद में पछतावे का कारण बन सकते हैं।
यह युति पेशेवर जीवन और स्वास्थ्य के लिए भी कुछ चुनौतियां लेकर आ सकती है। करियर में अचानक रुकावटें आ सकती हैं या बनते काम बिगड़ सकते हैं। व्यवसायियों को नए निवेश और बड़े फैसलों को लेकर अधिक सावधान रहने की जरूरत होगी, क्योंकि अप्रत्याशित नुकसान की आशंका बनी रहेगी। आर्थिक मामलों में भी समझदारी से कदम उठाना चाहिए। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, पेट संबंधी समस्याएं, हड्डियों में दर्द, रक्तचाप की समस्या या दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। खासकर यात्रा के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि चोट लगने या वाहन दुर्घटनाओं का योग बन सकता है।
इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने और ग्रहों के प्रकोप से बचने के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण है अपने क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखना। जितना हो सके, शांति और संयम से काम लें। रोजाना भगवान शिव के "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना मन को शांति प्रदान करता है। शनिवार को शनिदेव की और मंगलवार को भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करना शुभ फलदायी होता है, क्योंकि ये दोनों ग्रह इन देवताओं से संबंधित हैं। इन दिनों में गरीब या जरूरतमंद व्यक्तियों को दान करना भी इस योग के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है। बड़ों का आदर करें और किसी के साथ वाद-विवाद से बचें। कुल मिलाकर, यह समय धैर्य, आध्यात्मिकता और आत्म-नियंत्रण का है, जिससे व्यक्ति इस चुनौतीपूर्ण अवधि को सकुशल पार कर सके।
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