झारखंड पर मंडराया मोंथा तूफान का खतरा, भारी बारिश से फसलें तबाह, उड़ानें भी प्रभावित

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News India Live, Digital Desk : बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान 'मोंथा' (Cyclone Montha) का असर अब झारखंड में भी दिखने लगा है। पिछले 24 घंटों से राज्य के कई हिस्सों, खासकर दक्षिणी और मध्य झारखंड में रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस बेमौसम बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही किसानों पर बरपाई है, जिनकी खेतों में कटने को तैयार खड़ी धान की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई है।

मौसम विभाग ने आने वाले 24 से 48 घंटों के लिए राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

किसानों पर टूूटा मुसीबतों का पहाड़

यह बारिश किसानों के लिए किसी 'आसमानी आफत' से कम नहीं है। महीनों की मेहनत के बाद जब धान की फसल पककर तैयार थी और कटाई का इंतजार कर रही थी, तब इस बारिश ने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।

  • धान की फसल बर्बाद: खेतों में पानी भर जाने से धान की बालियां जमीन पर बिछ गई हैं और पानी में डूबने से सड़ने लगी हैं। किसानों का कहना है कि उनकी 80% तक फसल बर्बाद हो चुकी है।
  • कर्ज चुकाने की चिंता: ज्यादातर किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी। अब फसल बर्बाद होने के बाद उन्हें यह चिंता सता रही है कि वे अपना कर्ज कैसे चुकाएंगे और अगली फसल की बुआई कैसे करेंगे।

रांची एयरपोर्ट पर भी असर, उड़ानें हुईं लेट

चक्रवात 'मोंथा' का असर सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि आसमान में भी दिख रहा है। खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है।

बुधवार को दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से आने-जाने वाली कई उड़ानें अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से चलीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एयरलाइंस कंपनियों का कहना है कि अगर मौसम और खराब होता है, तो कुछ उड़ानों को रद्द भी किया जा सकता है।

आगे कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का सबसे ज्यादा असर राज्य के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, खूंटी और रांची जैसे जिलों में देखने को मिलेगा। इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और पेड़ों व बिजली के खंभों से दूर रहने की सलाह दी है।

प्रशासन भी पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आपदा प्रबंधन टीमों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

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