Cyclone Ditwah : खूबसूरत नाम, भयानक काम जानिए आखिर क्यों और कैसे बना यह 2025 का सबसे बड़ा खतरा
News India Live, Digital Desk : इन दिनों हर जुबान पर बस एक ही नाम है Cyclone Ditwah (चक्रवात दित्वह)। अक्सर तूफानों के नाम सुनकर अजीब लगता है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। "दित्वह" नाम सुनने में जितना सौम्य और अलग लगता है, इसका असर उतना ही खौफनाक रहा है, खासकर हमारे पड़ोसी मुल्क श्रीलंका (Sri Lanka) के लिए।
अगर आपके मन में भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह नाम आया कहाँ से? इसका मतलब क्या है? और इस वक्त तबाही का मंजर क्या है? तो चलिए, आसान लफ़्ज़ों में इस पूरी पहेली को सुलझाते हैं।
कौन लाया यह अनोखा नाम 'दित्वह'? (Who Named It?)
चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया बड़ी दिलचस्प होती है। हिंद महासागर क्षेत्र के 13 देश बारी-बारी से नाम देते हैं। इस बार बारी थी यमन (Yemen) की।
यमन ने इस तूफान का नाम अपनी एक बेहद मशहूर और खूबसूरत जगह "Detwah Lagoon" (दित्वह लैगून) के नाम पर रखा है। यह लैगून यमन के सोकोत्रा द्वीप (Socotra Archipelago) में है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दुर्लभ जीवों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। विडंबना देखिए, नाम तो कुदरत की एक जन्नत से लिया गया, लेकिन यह तूफान बनकर जहन्नुम की तरह बरसा।
क्यों बना यह इतना जानलेवा? (Why so Deadly?)
आप सोच रहे होंगे कि दिसंबर के महीने में इतना खतरनाक तूफान क्यों? मौसम वैज्ञानिकों (Meteorologists) की मानें, तो इसके पीछे 3 बड़े कारण हैं:
- समुद्र का 'बुखार' (Warm Sea Temperatures): बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) का तापमान सामान्य से ज्यादा (28-30 डिग्री सेल्सियस) था। जब समुद्र गर्म होता है, तो तूफ़ान को 'फ्यूल' मिलता है।
- नमी वाली हवाएं (Moisture Feed): हवाओं में नमी की मात्रा बहुत ज्यादा थी, जिसने इस सिस्टम को और ताकतवर बना दिया।
- हवा का कम दबाव (Low Wind Shear): वातावरण में हवा का बहाव ऐसा था जिसने तूफान को ऊपर उठने और गोल-गोल घूमने में पूरी मदद की।
यह सब मिलकर एक "परफेक्ट स्टॉर्म" (Perfect Storm) बन गया जिसने किनारों से टकराते ही तबाही मचानी शुरू कर दी।
श्रीलंका में मातम, भारत में सहम (Current Situation & Death Toll)
इस तूफान ने सबसे ज्यादा कहर श्रीलंका में बरपाया है। रिपोर्ट्स की मानें तो वहां हालात दिल दहला देने वाले हैं। बाढ़ और लैंडस्लाइड की वजह से 400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है (Death Toll) और सैकड़ों अभी भी लापता हैं। वहां के कई इलाके पूरी तरह पानी में डूबे हुए हैं।
वहीं, भारत (India) की बात करें तो तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में इसका असर दिखा है। चेन्नई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश (Heavy Rain) ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि भारत में जान-माल का नुकसान श्रीलंका जैसा नहीं हुआ, क्योंकि प्रशासन ने समय रहते अलर्ट जारी कर दिया था और तैयारियां पुख्ता थीं। अब यह सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर पड़कर 'Deep Depression' में बदल रहा है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।
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