Cyber Security : हैकर्स ने बदला गेम प्लान गूगल का रेड अलर्ट, इस नए तरीके से कर रहे हमला, आपके लिए क्या खतरा है?

Post

News India Live, Digital Desk: Cyber Security : क्या आपने सुना? दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी Google ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चेतावनी जारी की है! इस खबर ने करोड़ों इंटरनेट यूज़र्स की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, हैकर्स अब धोखाधड़ी करने का एक बिलकुल नया और बहुत खतरनाक तरीका अपना रहे हैं। वे बड़ी-बड़ी कंपनियों के टॉप अधिकारियों को सीधा निशाना बना रहे हैं, ताकि उनसे मोटी फिरौती वसूली जा सके।

कैसे काम कर रहा है ये नया फ्रॉड?

Google ने अपने साइबर सिक्योरिटी अलर्ट में बताया है कि ये हैकर्स अब कंपनी के बड़े अधिकारियों को धमकी भरे ईमेल भेज रहे हैं। इन ईमेल में झूठा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने Oracle E-Business Suite से बहुत संवेदनशील डेटा (sensitive data) चोरी कर लिया है। और अगर कंपनियों ने फिरौती नहीं दी, तो ये डेटा पब्लिक कर दिया जाएगा। यह एक नया साइबर अटैक तरीका है जिससे बचना ज़रूरी है।

आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन गूगल ने आशंका जताई है कि इन ईमेल के पीछे कुख्यात 'Clop रैंसमवेयर ग्रुप' (Clop ransomware group) हो सकता है, जिसने पहले भी कई बड़े साइबर हमले किए हैं। यह ऑनलाइन फ्रॉड का एक उन्नत रूप है।

Google का क्या कहना है इस 'दावे' पर?

अच्छी बात ये है कि Google का कहना है कि अब तक ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि हैकर्स के हाथ में असल में कोई डेटा लगा है। Google के मुताबिक, यह सिर्फ़ कंपनियों को डराकर उनसे पैसे ऐंठने की एक रणनीति का हिस्सा हो सकता है। हालाँकि, Google ने यह नहीं बताया कि अब तक कितनी कंपनियाँ या कौन-कौन से अधिकारी इन ईमेल का शिकार बने हैं। सुरक्षित इंटरनेट के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है।

कंपनियों पर इसका असर:

Oracle की E-Business Suite का इस्तेमाल दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियाँ अपने फ़ाइनेंशियल और ज़रूरी ऑपरेशनल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए करती हैं। ऐसे में अगर डेटा चोरी होने का झूठा दावा भी किया जाता है, तो कंपनियों को बहुत ज़्यादा आर्थिक नुकसान हो सकता है, साथ ही उनकी मार्केट वैल्यू (brand value) भी कम हो सकती है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि कई बार हैकर्स के पास असली डेटा नहीं होता, वे बस धमकाने के लिए ईमेल भेजते हैं। कंपनियों को फिशिंग ईमेल से सावधान रहने की ज़रूरत है। अपनी नेटवर्क सिक्योरिटी को मजबूत रखना आवश्यक है।

आम लोगों को इससे क्या ख़तरा है?

आप सोच रहे होंगे कि अगर यह बड़े अधिकारियों और कंपनियों का मामला है, तो इसमें हम आम लोगों को क्या चिंता? पर दोस्तों, ऐसा नहीं है! इस तरह के बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड से हम सभी को खतरा हो सकता है। अगर किसी कंपनी का डेटा सच में ब्रीच होता है या हैकर्स झूठा दावा भी करते हैं, तो हो सकता है उस डेटा में आपकी भी कोई निजी जानकारी जैसे नाम, पता, फ़ोन नंबर या बैंक से जुड़ी डिटेल्स (financial information) शामिल हों। यह आपके संवेदनशील डेटा के लिए जोखिम है।

बाद में इसी जानकारी का इस्तेमाल आपको फ़िशिंग कॉल (phishing calls), मैसेज या ईमेल के ज़रिए निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। सोचिए, आपका डेटा अगर गलत हाथों में चला जाए, तो कितनी मुसीबत हो सकती है! यह डेटा ब्रीच का गंभीर परिणाम है।

क्या करें बचाव के लिए?

Google और साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स की सलाह है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों को ऐसे फ़िशिंग और स्पैम ईमेल के खतरों के बारे में जागरूक करना चाहिए। साथ ही, उन्हें अपनी नेटवर्क सिक्योरिटी की समय-समय पर जाँच करवाते रहना चाहिए।

हम आम लोगों के लिए भी बचाव के कुछ आसान तरीके हैं:

  • अनजान नंबरों से आने वाले कॉल या ईमेल पर कभी भरोसा न करें।
  • किसी भी कॉल पर या मैसेज के ज़रिए अपने बैंक अकाउंट डिटेल्स, OTP (One Time Password), या कोई भी संवेदनशील जानकारी शेयर न करें। यह ऑनलाइन फ्रॉड से बचने का सबसे पहला कदम है।
  • अपने डिजिटल खातों (digital accounts) के लिए मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें।

सावधान रहें और अपने डेटा को सुरक्षित रखें, क्योंकि आज के दौर में डिजिटल सुरक्षा ही आपकी सबसे बड़ी ढाल है।

--Advertisement--