इस दिवाली ऑनलाइन शॉपिंग में टूटे सारे रिकॉर्ड! सरकार के एक फैसले से ग्राहकों को मिला ‘बंपर डिस्काउंट’
इस त्योहारी सीजन में, अगर आपने भी Flipkart या Amazon जैसी वेबसाइटों से जमकर खरीदारी की है, तो आप अकेले नहीं हैं! इस साल भारतीयों ने ऑनलाइन शॉपिंग के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और बाजार में ऐसी तेजी देखने को मिली है जैसी पहले कभी नहीं थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन बिक्री में 25% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
लेकिन सबसे बड़ा और दिलचस्प सवाल यह है कि इस बार ऑनलाइन सामान इतना सस्ता क्यों मिल रहा था? मोबाइल फोन से लेकर कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स तक, हर चीज पर भारी-भरकम डिस्काउंट की बारिश क्यों हो रही थी?
इसका जवाब किसी कंपनी की सेल में नहीं, बल्कि सरकार द्वारा किए गए एक बड़े GST सुधार में छिपा है।
क्या था यह फैसला, जिससे आपको मिला सीधा फायदा?
इसे आसान भाषा में समझते हैं। पहले, जो लोग ऑनलाइन सामान बेचते थे (sellers), उनके लिए टैक्स का हिसाब-किताब करना, खासकर GST इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना, एक बहुत ही जटिल और लंबा-चौड़ा काम था। इस चक्कर में उनका काफी पैसा और समय बर्बाद होता था, और वे इस बोझ का कुछ हिस्सा ग्राहकों पर ही डालते थे।
लेकिन हाल ही में, सरकार ने GST के इन नियमों को बहुत सरल और आसान बना दिया है।
- क्या बदला? अब ऑनलाइन विक्रेताओं को टैक्स क्रेडिट बहुत आसानी से और जल्दी मिल जाता है।
- आपको कैसे फायदा हुआ? जब विक्रेताओं का पैसा और सिरदर्द बचा, तो उन्होंने इसका सीधा फायदा अपने ग्राहकों को दिया। उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें कम कर दीं और पहले से कहीं ज्यादा बड़े और बेहतर डिस्काउंट ऑफर्स दिए।
छोटे शहरों के विक्रेताओं को भी मिला मौका
इन सरल नियमों की वजह से, अब सिर्फ बड़े विक्रेता ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे शहरों के दुकानदार और कारीगर भी आसानी से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेच पा रहे हैं। इससे बाजार में कॉम्पिटिशन बढ़ा, प्रोडक्ट्स की वैरायटी बढ़ी, और इसका अंतिम फायदा भी ग्राहकों को ही सस्ती और अच्छी चीजों के रूप में मिला।
साफ शब्दों में कहें तो, यह एक ऐसी स्थिति थी जहां हर किसी की जीत हुई। विक्रेताओं का व्यापार बढ़ा, ग्राहकों की जेब पर बोझ कम हुआ, और देश की अर्थव्यवस्था को भी एक बड़ा बूस्ट मिला। यह फेस्टिव सीजन वाकई हर किसी के लिए ‘हैप्पी दिवाली’ लेकर आया!
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