फसल डूबी, उम्मीदें नहीं! कर्नाटक के बाढ़-पीड़ित किसानों के लिए सरकार का बड़ा ऐलान, अब मिलेगा दोगुना मुआवजा

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जिन किसानों की महीनों की मेहनत और सारी उम्मीदें हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ के पानी में बह गईं, उनके मुरझाए चेहरों पर खुशी लौटाने के लिए कर्नाटक सरकार एक बड़ी राहत लेकर आई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बाढ़-पीड़ित किसानों के लिए मुआवजे की रकम को दोगुना करने का ऐलान किया है, ताकि कोई भी किसान खुद को अकेला और बेसहारा न समझे।

क्या है यह बड़ी राहत?
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार के आपदा राहत कोष (NDRF) से जो मदद किसानों को मिल रही है, उसके अलावा राज्य सरकार भी अपनी तरफ से उतनी ही रकम अतिरिक्त देगी।

इसका सीधा-सीधा मतलब है:

  • सूखी जमीन वाले किसानों के लिए: जहां केंद्र से ₹8,500 प्रति हेक्टेयर मिलते हैं, वहीं अब राज्य सरकार भी ₹8,500 और देगी। यानी अब कुल ₹17,000 प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलेगा।
  • सिंचाई वाली जमीन के लिए: यह मुआवजा ₹17,000 से बढ़कर अब ₹25,500 प्रति हेक्टेयर हो जाएगा।
  • बागवानी/ बारहमासी फसलों के लिए: यह मुआवजा ₹22,500 से बढ़कर अब ₹31,000 प्रति हेक्टेयर तक मिलेगा।

तबाही का मंजर: लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद
यह फैसला इसलिए इतना बड़ा और जरूरी है, क्योंकि बारिश और बाढ़ ने कर्नाटक के कई जिलों, खासकर कलबुर्गी, बीदर, और यादगिरी में भारी तबाही मचाई है।

  • शुरुआती सर्वे के मुताबिक, 10 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है, जिसमें अरहर, मूंग, सोयाबीन और कपास जैसी खरीफ की फसलें शामिल हैं।
  • इस आपदा में 52 लोगों की जान चली गई है और 400 से ज्यादा पशु भी मारे गए हैं।

सरकार ने कहा है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दे दिया गया है और अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

यह दोगुना मुआवजा उन लाखों किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है, जो इस मुश्किल घड़ी में अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे। यह कदम उन्हें दोबारा हिम्मत के साथ अपने खेतों में उतरने और अगली फसल की तैयारी करने का हौसला देगा।

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