Crime in Jharkhand : बिहार भेज रहे थे चुनाव के लिए तोहफ़ा ,झारखंड में पकड़ी गई 1 करोड़ की शराब की चौंकाने वाली कहानी

Post

News India Live, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव की गर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है, पड़ोसी राज्य झारखंड में शराब तस्करों का 'खेल' भी उतना ही तेज़ हो गया है। चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए पैसों के साथ-साथ शराब का भी जमकर इस्तेमाल होता है, और इसी मौके का फायदा उठाने के लिए तस्करों ने अपना पूरा जाल बिछा दिया था। लेकिन उनके इस करोड़ों के 'मास्टर प्लान' पर सिमडेगा पुलिस ने पानी फेर दिया है।

झारखंड के सिमडेगा जिले में पुलिस को एक ऐसी बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, जिसे देखकर तस्करों के भी होश उड़ गए होंगे। पुलिस ने एक ट्रक से लगभग एक करोड़ रुपये की अवैध अंग्रेजी शराब का जखीरा बरामद किया है।

कहानी में ट्विस्ट: टमाटर की आड़ में 'ठेका'

यह पूरी कार्रवाई किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। सिमडेगा के एसपी को एक गुप्त और पक्की खबर मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में अवैध शराब भरकर उसे बिहार ले जाने की तैयारी है। इस सूचना पर पुलिस की एक स्पेशल टीम बनाई गई और कोलेबिरा थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की चेकिंग शुरू कर दी गई।

कुछ ही देर में पुलिस को शक के आधार पर एक ट्रक आता दिखा। जब पुलिस ने उसे रोककर ड्राइवर से पूछताछ की, तो उसने बड़ी ही मासूमियत से जवाब दिया कि ट्रक में तो बस टमाटर और हरी मिर्च लदी हुई है, जो बाज़ार जा रही है।

जब हटा तिरपाल तो फटी रह गईं आंखें

ऊपर से देखने पर ट्रक में वाकई सब्जियों के कैरेट रखे हुए थे। लेकिन पुलिस को खबर पक्की मिली थी। जब जवानों ने ऊपर रखे टमाटर और मिर्च के कैरेट हटाए और तिरपाल के नीचे झाँका, तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। नीचे सब्जियों का नामोनिशान नहीं था, बल्कि महंगी अंग्रेजी शराब की पेटियों का अम्बार लगा हुआ था।

ट्रक के अंदर एक खास तरह का सीक्रेट चैम्बर बनाया गया था, जिसके अंदर शराब की इन पेटियों को बड़ी ही चालाकी से छिपाया गया था।

बिहार चुनाव में खपाने की थी तैयारी

पुलिस ने तुरंत ट्रक के ड्राइवर और खलासी को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती पूछताछ में जो बात सामने आई है, वह बेहद गंभीर है। यह शराब की इतनी बड़ी खेप ख़ास तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करने के लिए ही ले जाई जा रही थी। बिहार में शराबबंदी लागू है, इसलिए वहां अवैध शराब की मांग चुनाव के दौरान कई गुना बढ़ जाती है। तस्करों का प्लान था कि इस शराब को वहां पहुंचाकर ऊँचे दामों पर बेचा जाए और वोटरों को बांटा जाए।

पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस बड़े नेटवर्क के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस एक कार्रवाई ने यह साफ़ कर दिया है कि चुनाव आयोग और पुलिस की पैनी नज़रें तस्करों के हर मंसूबे पर टिकी हुई हैं।

--Advertisement--