अदालतें और एजेंसियां खिलौना नहीं हैं ,महादेव ऐप के मालिक रवि उप्पल पर क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट?
News India Live, Digital Desk: हज़ारों करोड़ रुपये के महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के मुख्य सरगनाओं में से एक, रवि उप्पल की चालाकी पर देश की सर्वोच्च अदालत ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने रवि उप्पल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे फटकार लगाई और साफ शब्दों में कहा, "अदालतें और जांच एजेंसियां कोई खिलौना नहीं हैं."
यह तीखी टिप्पणी जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने तब की, जब उप्पल, जो इस समय दुबई में हिरासत में है और भारत प्रत्यर्पण का सामना कर रहा है, अपने खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच को रद्द करने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
किस बात पर भड़के जज?
दरअसल, रवि उप्पल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा था कि छत्तीसगढ़ में उसके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग का मामला (ECIR) अवैध है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए. उसकी इस मांग पर सुप्रीम कोर्ट बुरी तरह भड़क गया.
जजों ने उप्पल के वकील से पूछा, "आप चाहते हैं कि हम यहां आपकी याचिका पर सुनवाई करें और उधर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को प्रभावित करें? आप जांच को पटरी से उतारना चाहते हैं?"
कोर्ट ने आगे कहा, "एक तरफ आप भारतीय न्याय प्रणाली का दरवाजा खटखटा रहे हैं और राहत मांग रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आप एजेंसियों से भाग रहे हैं और जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. अदालतें और जांच एजेंसियां कोई खिलौना नहीं हैं, जिनका आप अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकें. आप एक भगोड़े हैं, पहले देश वापस आइए और कानूनी प्रक्रिया का सामना कीजिए."
कोर्ट का दो टूक संदेश: "पहले भारत आओ"
सुप्रीम कोर्ट ने रवि उप्पल की याचिका पर विचार करने से ही इनकार कर दिया. बेंच ने साफ कहा कि एक भगोड़े आरोपी की याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती. उन्होंने उप्पल को एक ही रास्ता सुझाया - पहले भारत लौटो, सरेंडर करो और फिर कानून के सामने अपनी बात रखो.
कौन है रवि उप्पल?
रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर के साथ मिलकर महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप का संचालन करता था. इस ऐप के जरिए इन लोगों ने हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया और देश भर में मनी लॉन्ड्रिंग का एक बहुत बड़ा नेटवर्क खड़ा किया. आरोप है कि इस घोटाले के तार कई बड़े राजनेताओं और अभिनेताओं से भी जुड़े हुए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के बाद, रवि उप्पल को पिछले साल के अंत में दुबई में हिरासत में लिया गया था. भारत सरकार लगातार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है ताकि उसे देश लाकर इस पूरे घोटाले की तह तक पहुंचा जा सके. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी न केवल उप्पल के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि यह सभी भगोड़े आर्थिक अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश भी है.
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