Corrupt Officers Alert : बिहार में फिर चला EOU का डंडा, भावेश कुमार की छिपी दुनिया हुई बेनकाब

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News India Live, Digital Desk : बिहार में एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बज गया है। अक्सर हम सुनते हैं कि सरकारी बाबू अपनी पावर का इस्तेमाल करके कैसे अवैध संपत्ति खड़ी कर लेते हैं। ऐसा ही कुछ मामला आज सुबह देखने को मिला, जिसने पटना से लेकर गोपालगंज तक हड़कंप मचा दिया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने सुबह सवेरे एक बैंक अधिकारी के दरवाजे पर दस्तक दी, और फिर जो चीजें सामने आईं, उसने सबको चौंका दिया।

यह पूरा मामला पाटलिपुत्र सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक (Pataliputra Central Co-operative Bank) के डेवलपमेंट अफसर, भावेश कुमार सिंह से जुड़ा है। ईओयू ने आय से अधिक संपत्ति (DA Case) के मामले में उनके 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है।

सुबह 6 बजे जब लोग नींद में थे, EOU एक्शन में थी

अक्सर छापे की कार्रवाई गुपचुप तरीके से होती है। शुक्रवार की सुबह जब लोग अपनी नींद से ठीक से जागे भी नहीं थे, ईओयू की अलग-अलग टीमें पटना और गोपालगंज में भावेश कुमार के ठिकानों पर पहुँच चुकी थीं। ऐसा बताया जा रहा है कि इस छापेमारी के लिए टीम ने लंबी तैयारी की थी और पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही कोर्ट से वारंट लेकर यह कार्रवाई शुरू की गई।

आखिर कहां-कहां पड़े हैं छापे? (Patna EOU Raid Locations)

आप सोच रहे होंगे कि एक डेवलपमेंट अफसर के पास आखिर क्या ही मिल सकता है? लेकिन जरा इस लिस्ट पर गौर फरमाइए जो ईओयू की जांच में सामने आ रही है। जांच टीम ने पटना से लेकर उनके पैतृक गांव तक, कुल 6 जगहों को खंगाला है:

  1. पटना का पॉश इलाका: राजधानी पटना के रामजयपाल नगर (रुपसपुर) स्थित ‘पुष्पक विला अपार्टमेंट’ का फ्लैट नंबर 203। यहाँ अफसर का परिवार रहता है।
  2. बड़ी इमारत: पटना के ही जकरियापुर (मीठापुर के पास) में एक पांच मंजिला इमारत भी जांच के घेरे में है।
  3. Rice Mill का कनेक्शन: बिहटा के बेला गांव में 'जय माता दी राइस मिल' पर भी टीम ने धमक दी है।
  4. ऑफिस में जांच: एसपी वर्मा रोड स्थित उनके बैंक कार्यालय को भी खंगाला गया है।
  5. गोपालगंज (पैतृक गांव): इनके गांव मांझागढ़ के प्रतापपुर (जलालपुर) में भी टीम पहुंची है।
  6. Petrol Pump: हैरानी की बात ये है कि गोपालगंज के मांझागढ़ में ही ‘भावना पेट्रोलियम’ नाम का पेट्रोल पंप भी इन्हीं के परिवार से जुड़ा बताया जा रहा है।

नौकरी बैंक की, लेकिन संपत्ति किसी बिजनेस टाइकून जैसी

Disproportionate Assets Case in Bihar का यह क्लासिक मामला लगता है। ईओयू के सूत्रों के मुताबिक, भावेश कुमार ने अपनी वैध आय से कहीं ज्यादा संपत्ति जमा कर रखी है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि उनकी संपत्ति, उनकी कुल कमाई से 60.9% से भी ज्यादा है। एक सरकारी मुलाजिम के पास पेट्रोल पंप, राइस मिल और बड़े-बड़े फ्लैट्स होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।

अब आगे क्या होगा?

फिलहाल जांच जारी है। घर के कोने-कोने को चेक किया जा रहा है। जमीन के कागजात (Land Deeds), सोने-चांदी के गहने (Jewelry) और कैश कितना मिलता है, इसकी पूरी जानकारी तो जांच खत्म होने के बाद ही सामने आएगी। लेकिन जिस स्तर पर यह रेड पड़ी है, उससे इतना तय है कि कई "बेनामी" राज़ खुलने वाले हैं।

बिहार में EOU action against corrupt officers लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकार यह संदेश साफ दे रही है कि पब्लिक के पैसे का दुरुपयोग करने वालों की अब खैर नहीं है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि शाम तक इनके घर से कुल कितनी ‘दौलत’ निकली, तो अपडेट्स के लिए नज़र बनाए रखें।

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