जयपुर शहर में भगवा ध्वज उतारने पर विवाद गहराया, विधायक आचार्य ने कलक्टर को सौंपा ज्ञापन

जयपुर, 15 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास के चुनाव एजेंट मंगल सिंह सैनी की तरफ से कलेक्टर को पत्र लिखकर जयपुर शहर में परकोटे के सभी बाजारों में रोड लाइट के खम्भों, दीवारों समेत अन्य जगहों पर लोकसभा चुनाव में पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से भगवा रंग के ध्वज को आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में बताया था। सैनी ने इस पर कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके बाद ये ध्वज उतार दिए गए। अब इस पर विवाद गहरा गया है।

जयपुर में लगे भगवा झंडे हटाने के मामले में सोमवार को विधायक बालमुकुंद आचार्य कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन देकर इसका विरोध किया। उन्होंने प्रशासन से रामनवमी से पहले शहर में वापस भगवा झंडे और पताका लगाने की मांग की। विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कलेक्टर से मिलकर जयपुर शहर से रातों-रात भगवा ध्वज उतारने को लेकर नाराजगी जताई। विधायक ने इस संबंध में अखिल भारतीय संत समिति की ओर से एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। विधायक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की शिकायत के बाद निगम ने रातों-रात भगवा ध्वज उतार दिए। उन्होंने कहा कि हर साल रामनवमी के अवसर पर जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस को देखते हुए शहर में घरों और दुकानों पर भगवा ध्वज लगाए गए थे। हमें पता चला कि कलेक्टर के कहने पर यह भगवा ध्वज हटाए गए।

इस मामले पर जब कलेक्टर से विधायक ने बात की तो कलेक्टर ने इस बात से इनकार किया कि प्रशासन के कहने से भगवा ध्वज हटाए गए। विधायक ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की शिकायत के बाद नगर निगम ने पूरे शहर से भगवा ध्वज हटा दिए। विधायक ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि देश भगवा मुक्त हो। हम चाहते हैं देश कांग्रेस मुक्त हो। कांग्रेस वालों को भगवा ध्वज और राम नाम से आपत्ति है। चुनाव और राम नाम का कोई लेना देना नहीं है। चुनाव से हटकर रामनवमी का त्योहार है। कांग्रेस अगला फरमान निकालेगी कि राम जी के मंदिरों पर ताला लगा दिया जाए। विधायक ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जयपुर आने वाले हैं। इसलिए उनके कहने पर यह भगवा ध्वज हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आचार संहिता को लेकर मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। आचार संहिता और रामनवमी का कोई लेना देना नहीं है।

इधर, शहर में लगी भगवा ध्वज-पताकाओं को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा विश्व हिंदू परिषद् के विरूद्ध चुनाव आयोग में दी गई शिकायत को विहिप ने झूठा करार दिया है। विश्व हिंदू परिषद् के क्षेत्रमंत्री सुरेश उपाध्याय ने राजनीतिक दल की शिकायत तथा भगवा ध्वज उतारने का विरोध करते हुए मीडिया के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि विश्व हिंदू परिषद् ने दलगत राजनीति अथवा किसी को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए भगवा ध्वज नहीं लगाए हैं तथा यह शिकायत झूठी है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज हजारों वर्षों से नवरात्रि का उत्सव धूमधाम से मनाता रहा है। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्रतिष्ठा के बाद पूरा देश राममय हुआ है। इसी उपलक्ष्य में हिंदू अपने प्रतिष्ठानों, बाजारों और घरों में भगवा ध्वज जो हजारों वर्षों से हिंदू समाज का प्रतीक है, लगाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं और इस बार रामनवमी में विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है।

उपाध्याय ने कहा कि विहिप क्षेत्र मंत्री के नाते मैं यह बताना चाहता हूं कि विश्व हिंदू परिषद् ने ये भगवा ध्वज नहीं लगाए हैं। आज देशभर में जितने भगवा ध्वज दिखाई दे रहे हैं ये सभी हिंदू समाज ने अपने प्रतीक स्वरूप लगाए हैं। इनका दलगत राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू विरोधी मानसिकता के लोगों ने समझना चाहिए कि राजनीति अपनी जगह है लेकिन हिंदू समाज को ठेस न पहुंचाएं ऐसा हम निवेदन करते हैं। विश्व हिंदू परिषद् ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि भगवा ध्वज उतारने की कार्रवाई को तुरंत रोका जाए अन्यथा हिंदू जनमानस की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।

इस मामले में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि दुर्भाग्य है कि श्रीरामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा के लिए लगाए भगवा ध्वज का कांग्रेस विरोध कर रही है। वैदिक सनातन धर्म और अयोध्या में निर्मित श्रीराम मंदिर का विरोध करने वाली कांग्रेस तुष्टीकरण में इतनी नीचे गिर गई है। सभी भारतीयों को मिलकर कांग्रेस का बहिष्कार करना चाहिए।