बिहार चुनाव: मंच पर रो पड़े कांग्रेस प्रत्याशी, राहुल गांधी बोले- बिहार में भी हो रही है वोट चोरी की साजिश

Post

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रण पूरे जोर-शोर से जारी है। आज (6 नवंबर) जहां पहले चरण की 121 सीटों पर जनता अपना फैसला सुना रही है, वहीं दूसरे चरण के लिए राजनीतिक दलों का धुआंधार प्रचार भी चल रहा है। इसी सिलसिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्णिया के कसबा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया, जहां तीखे राजनीतिक हमलों के बीच एक बेहद भावुक पल भी देखने को मिला।

जब मंच पर भावुक हो गए प्रत्याशी

राहुल गांधी के भाषण के बाद जैसे ही स्थानीय कांग्रेस प्रत्याशी इरफान आलम ने माइक संभाला, वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए और रो पड़े। उन्होंने भरे गले से कहा, "सर… मुझे जिंदगी में पहली बार इतने बड़े मंच पर बोलने का मौका मिला है। एक चिट्ठी बांटने वाले के बेटे को आपने टिकट दिया है।" यह सुनते ही मंच पर मौजूद नेता और रैली में आए कार्यकर्ता भी भावुक हो गए।

नीतीश पर सीधा हमला, 'वोट चोरी' का लगाया गंभीर आरोप

अपने संबोधन में राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "20 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने बिहार के युवाओं को सिर्फ मजदूर बना दिया। यहां उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है, लेकिन अडाणी के लिए जमीन ही जमीन है।"

इसके बाद राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' का एक सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "देश भर में वोट की चोरी हो रही है। हरियाणा में एक महिला की तस्वीर वोटर लिस्ट में 200 बार छापी गई, दूसरी की 100 बार। हजारों लोग ऐसे हैं जो यूपी में भी वोट करते हैं और हरियाणा में भी। हद तो यह है कि ब्राजील की एक महिला भी हरियाणा की वोटर है।" उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र और हरियाणा की तरह बिहार में भी वोट चोरी की बड़ी साजिश चल रही है और 'महागठबंधन' के समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस 'वोट चोरी' को रोकें और लोकतंत्र की रक्षा करें।

बिहार के युवाओं से पूछा सवाल

राहुल गांधी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "मैं देश में जहां भी जाता हूं, मुझे बिहार के लोग मिलते हैं। आपने अपने खून-पसीने से दुबई और बेंगलुरु जैसे शहर खड़े कर दिए। जब आप वहां यह कर सकते हो, तो अपने बिहार में क्यों नहीं?"

बिहार के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए उन्होंने कहा, "एक समय था जब दुनिया के लोग नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए जापान, कोरिया, इंग्लैंड से आते थे। बिहार विश्व शिक्षा का केंद्र था। और आज? आज बिहार विश्वविद्यालय का नाम केवल पेपर लीक के लिए आता है। जिनकी सेटिंग होती है, वे पेपर हासिल कर लेते हैं और बाकी युवा सिर्फ देखते रहते हैं।"

पहले चरण के मतदान और दूसरे चरण के तीखे प्रचार ने बिहार के चुनावी माहौल को पूरी तरह गरमा दिया है।

--Advertisement--