Condolences : राजस्थान की राजनीति में भूचाल ,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष Girraj Prasad Tiwari नहीं रहे, CM गहलोत ने दी श्रद्धांजलि
News India Live, Digital Desk: Condolences : राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति से एक बेहद दुखद ख़बर सामने आ रही है। राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गिर्राज प्रसाद तिवारी (Girraj Prasad Tiwari) का निधन हो गया है। 85 वर्ष की आयु में, लंबी बीमारी के बाद, उन्होंने भरतपुर (Bharatpur) के अपने बयाना (Bayana) स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजस्थान की सियासत में शोक की लहर दौड़ गई है।
कौन थे Girraj Prasad Tiwari? एक महान राजनीतिक सफ़र
गिर्राज प्रसाद तिवारी राजस्थान की राजनीति के एक अनुभवी और सम्मानित चेहरा थे। उन्होंने 1980 से 1985 तक राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष (Rajasthan Assembly Speaker) के पद पर रहकर अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया था। वे भरतपुर के बयाना विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक (MLA) चुने गए थे, और हमेशा क्षेत्र के विकास के लिए काम करते रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर और मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया (Jagannath Pahadia) के नेतृत्व में भी काम किया था, जिससे उनका अनुभव और भी समृद्ध हुआ। उनका योगदान राजस्थानी राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।
पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
तिवारी जी के निधन के बाद, अब उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर करीब 2:00 बजे उनके पैतृक गांव नरसिंहपुर (Narsingpur) में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं।
CM Ashok Gehlot सहित कई नेताओं ने जताया दुख
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने गिर्राज प्रसाद तिवारी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, "राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता श्री गिर्राज प्रसाद तिवारी जी के निधन की सूचना अत्यंत दुखद है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवारजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ।"
इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके समर्थकों ने भी तिवारी जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रकट की हैं। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। राजस्थान के इतिहास में उनका नाम दर्ज हो गया है।
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