दिवाली पर अपनी परंपरा निभाने अपनों के बीच पहुंचे CM योगी, दिया करोड़ों का तोहफा
News India Live, Digital Desk: जब पूरा देश दिवाली के जश्न में डूबा था, तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी एक खास और पुरानी परंपरा निभाने पहुंचे. वह हर साल की तरह इस बार भी दिवाली की सुबह गोरखपुर के जंगल तिकोनिया नंबर तीन गांव में बसे वनटांगिया समुदाय के लोगों के बीच थे, जिन्हें वह अपना 'परिवार' मानते हैं. सीएम योगी ने यहां न सिर्फ बच्चों के साथ दिवाली की खुशियां बांटीं, बल्कि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास से जुड़ी कई बड़ी सौगातें भी दीं.
एक ऐसी परंपरा जो मुख्यमंत्री बनने के बाद भी नहीं टूटी
सीएम योगी का वनटांगिया समुदाय से रिश्ता तब का है, जब वे गोरखपुर के सांसद थे और इन लोगों के पास कोई सरकारी पहचान तक नहीं थी. जंगलों में बसे इस समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए योगी आदित्यनाथ ने एक लंबा संघर्ष किया था. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वह इस संघर्ष और अपने लोगों को नहीं भूले. यही वजह है कि वह हर साल दिवाली का त्योहार अयोध्या या लखनऊ की चकाचौंध में नहीं, बल्कि इन वनवासियों के बीच मनाते हैं.
"15 साल पहले यहां सिर्फ अभाव था"
बच्चों को मिठाई, किताबें और स्कूल बैग बांटने के बाद सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा, "जब मैं 15 साल पहले यहां आता था, तो चारों तरफ सिर्फ अभाव ही अभाव था. न रहने को घर थे, न पीने को पानी, न बिजली थी, और न ही बच्चों के लिए स्कूल. आज मुझे खुशी है कि यहां हर परिवार के पास पक्का मकान और सरकार की हर योजना का लाभ पहुंच रहा है."
"जो विकास से वंचित था, आज वो मुख्यधारा में है"
सीएम योगी ने इस मौके पर करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है - जो समाज अब तक विकास की दौड़ में पीछे छूट गया था, उसे सबसे आगे लाना है. उन्होंने अयोध्या दीपोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि आज की अयोध्या सबको जोड़ने का काम कर रही है और नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी है.
सीएम योगी की यह दिवाली परंपरा सिर्फ एक त्योहार मनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विकास और भरोसे का एक ऐसा रिश्ता है जो सालों से कायम है.
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