झारखंड में बढ़ा छोटी माता का प्रकोप, कई मरीज अस्पताल में भर्ती, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

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News India Live, Digital Desk: झारखंड में इस समय 'छोटी माता' यानी चिकनपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं. बीते कुछ दिनों से अस्पतालों में चिकनपॉक्स के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो चिंता का विषय है. यह संक्रामक बीमारी आमतौर पर हल्की होती है, लेकिन सावधानी न बरती जाए तो गंभीर भी हो सकती है. इसलिए, इसके लक्षण और बचाव के तरीकों को जानना बेहद जरूरी है.

चिकित्सकों के मुताबिक, चिकनपॉक्स 'वैरिकेला-जोस्टर' नामक वायरस से होता है. इसके मुख्य लक्षणों में शरीर पर लाल, खुजलीदार दाने (चकत्ते) निकलना शामिल है, जो बाद में फफोलों में बदल जाते हैं. इसके साथ ही, बुखार, थकान, सिरदर्द और भूख न लगना भी इसके आम लक्षण हैं. यह बीमारी एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में खांसने या छींकने से या सीधे संपर्क में आने से आसानी से फैलती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही चिकनपॉक्स के लक्षण दिखें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. हालांकि, यह एक सेल्फ-लिमिटिंग बीमारी है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है. मरीजों को अलग कमरे में रखने की सलाह दी जाती है ताकि दूसरों को संक्रमण न हो. इसके अलावा, पर्याप्त आराम करना, तरल पदार्थों का सेवन करना, और खुजली से बचने के लिए लोशन या दवाइयों का उपयोग करना चाहिए. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना और हाथों को बार-बार धोना भी बहुत महत्वपूर्ण है. टीका लगवाना इसका सबसे अच्छा बचाव माना जाता है, खासकर बच्चों को.

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