Chiranjeevi Yojana : राजस्थान में दवाइयां नहीं मिलेंगी? 880 करोड़ के लिए केमिस्टों ने दी महा हड़ताल की चेतावनी

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News India Live, Digital Desk: Chiranjeevi Yojana : आजकल जब आप छोटी-मोटी बीमारी या किसी ज़रूरी दवा के लिए केमिस्ट की दुकान पर जाते हैं, तो आपको शायद पता नहीं होगा कि दुकानदार भी कई मुश्किलों से गुज़र रहे हैं. राजस्थान से एक बहुत ही बड़ी और चिंताजनक ख़बर आ रही है, जो सीधा आपकी स्वास्थ्य सेवाओं और दवाई की उपलब्धता पर असर डाल सकती है. यहाँ केमिस्टों ने एक बड़ी चेतावनी दी है.

राजस्थान अलर्ट: 880 करोड़ के बकाया से केमिस्ट हड़ताल पर! आपकी दवाइयों पर पड़ेगा सीधा असर, जानें क्या है पूरा मामला?

ज़रा सोचिए, अगर ज़रूरत के समय आपको आपकी दवाई न मिल पाए, तो क्या होगा? राजस्थान में यही संकट गहरा सकता है, क्योंकि वहाँ के केमिस्ट और फार्मासिस्ट अपनी लंबे समय से अटकी मांगों और बकाया पैसों के लिए अब आंदोलन के मूड में आ गए हैं. ख़बर है कि राज्य भर के केमिस्ट ने अपनी करीब 880 करोड़ रुपये की बकाया राशि के भुगतान को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है.

पूरा मामला क्या है?

राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने राज्य सरकार की कई स्वास्थ्य योजनाओं, ख़ासकर निःशुल्क दवा योजना और बीमा योजना (जैसे चिरंजीवी योजना) के तहत दवाइयां सप्लाई की हैं. इन दवाइयों के पैसे लंबे समय से सरकार की तरफ़ से अटके हुए हैं. 880 करोड़ रुपये का यह आंकड़ा कोई छोटा नहीं है; यह एक बहुत बड़ी रकम है जिससे हज़ारों केमिस्टों का रोज़मर्रा का काम और उनका व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.

केमिस्टों का कहना है कि जब उन्हें अपनी मेहनत का पैसा ही समय पर नहीं मिलेगा, तो वे दवाइयों की सप्लाई कैसे जारी रख सकते हैं? उन्हें अपने वेंडर्स को पैसे देने होते हैं, अपने स्टाफ की सैलरी देनी होती है, और दुकान चलाने के अन्य खर्चे भी होते हैं. इस बड़े बकाया के कारण कई छोटे केमिस्टों को दुकान चलाना भी मुश्किल हो गया है.

अगर केमिस्ट हड़ताल पर जाते हैं तो क्या होगा?

अगर केमिस्ट एसोसिएशन अपनी इस चेतावनी को हकीकत में बदल देता है और राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला जाता है, तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा. मरीज़ों को अपनी ज़रूरी दवाइयां मिलना मुश्किल हो सकता है. अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर दबाव बढ़ जाएगा, और एक दवा संकट पैदा हो सकता है.

यह समस्या न सिर्फ़ केमिस्टों के व्यापार से जुड़ी है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और आम जनता के स्वास्थ्य से भी इसका सीधा संबंध है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार और केमिस्ट एसोसिएशन के बीच जल्द ही कोई समाधान निकल जाए, ताकि आम लोगों को दवाइयों की किल्लत का सामना न करना पड़े और केमिस्टों को भी उनकी बकाया राशि मिल सके

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